Prashant Pathak   (pk✍️ पाठक)
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सादा जीवन उच्च विचार
Joined 8 September 2021


सादा जीवन उच्च विचार
Joined 8 September 2021
29 JAN 2022 AT 22:09

मत कम आंक समंदर की खामोशी को ये नादान,
समेटे है लाखों लाख आसियाने जहान के।

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22 JAN 2022 AT 13:37

निकले थे सुकूं की तलास में, ख्वाहिशों का पुलिंदा ले सर।
ऐसे भी कहां मिलना था सुकूं, बस भटकते रहे ‘दर–वदर’

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26 DEC 2021 AT 20:13

गली गली सेहरा सजे, सरपंची की आस।
फार्म भरो परचार करो, कच्छू न आओ हाथ।
कछू न आओ हाथ, फिरत पनही जे टूटी
वोट हाथ न लगी गांठ की बोतल फूटी
कहें pk✍🏻 maharaj समय की कीने जानी
सरपंची पे "शिवराज" फेर दयो जूड़ो पानी
आरक्षण के फेर में, चलो न कछू उपाव
पूर्व सरपंच सब बोल परे,
"जय हो आयोग चुनाव"

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18 DEC 2021 AT 7:08

दुनियां का सबसे कठिन काम होता है " खुद से (आइना) रूबरू होना"
और
एक ऐसा पिता बनना जो... "अपने बेटे को हुबहू अपने जैसा बनाने की चाह रखे"

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18 DEC 2021 AT 6:39

हाथो ने पैरो से पूछा कि सब तुमें ही प्रणाम करते हैं मुझे क्यों नहीं,

पैर बोले उसके लिए जमीन पर रहना पड़ता हैं हवा में नहीं.........!

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7 DEC 2021 AT 13:17

जो निकले हैं दुनियां सुधार देने.

यकीनन,
"न हुई होगी मुलाकात आईने से"

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6 DEC 2021 AT 8:01

नम्रता धारण करने की कोई कीमत नहीं चुकानी पड़ती,
वल्कि ये चराचर जगत को अपने वसीभूत कर सकती है

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15 NOV 2021 AT 19:23

Comfortability never makes you lazy unless you forget competition with yourself.

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3 NOV 2021 AT 11:22

अब चीखे से होय का, #नीबू तो गओ फ़ूट
मिर्च लगी जिनके पिछवाडे, गयो पसीना छूट
गयो पसीना छूट, बिदक के वे झल्लाये
धुआँ उठ रहा सबई छिद्रन से, अंग अंग कल्लाये
राजनाथ का जुगत भिड़ाई, ॐ मंत्र पड गयो भारी
राष्ट्रवाद सीखन की इच्छा, धरी रह गई सारी.
गद्दारों मे मची खलबली, भौतई माथा कूटो
कहें #PK_महाराज, वाह का #नीबू फ़ूटो.

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28 OCT 2021 AT 17:02

धर्म क्या है?

"उम्र के प्रत्येक चरण में व्यक्ति द्वारा दायित्वों एवम कर्तव्यों का प्रतिबद्ध होकर समय पर पूर्ण निष्ठा के साथ निर्वहन"

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