Prashant Pandey  
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Joined 5 June 2017


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Joined 5 June 2017
17 APR AT 12:17


मेरे खुशी के राज तुम।
हे राम.. सब में आज तुम।

कण कण यहां पावन हुआ।
जबसे तेरा ये क्षण हुआ।

आया खुशी का पल यहां
सारा जहान रौशन हुआ।

करुणानिधि,आदर्श तुम,
हे राम सब में शीर्ष तुम।

तुमसे ही सबकी जीत है
यहां हर जन को तुमसे प्रीत है।


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11 APR AT 0:41

ज़िन्दगी में आपको, अपनों में भी कई ग़ैर मिलेंगे।
कहने को वो अपना कहते, पर उनसे बेहतर ढेर मिलेंगे।

ना समझेंगे तेरी मुश्किल, ना तेरी खुशी में वो झूमेंगे।
ना देंगे वो आदर तुमको, बस बड़े बड़े से बोल कहेंगे।

अपनी ओछी फ़ितरत लेके, बुरा कहेंगे और कोसेंगे।
बहुत बांटते हैं ये सबको, बहुत छांटते हैं ये सबको
ना कर पाते ये मान सभी का, ना ही ये पहचान सभी का
अपना कहने वाले ये, भेद भाव से तोलेंगे।

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11 APR AT 0:29

ख़ुद को इतना भी मत गिराओ, कि नज़र से नज़र मिला ना पाओ,
रिश्तों में कड़वाहट कभी इस कदर मत मिलाओ, कि चाह के भी उसे बदल ना पाओ।

रिश्तों में अपनापन बहुत जरूरी है।
बिन इसके मानो कोसों सबसे दूरी है।

सिर्फ कहने से यहां अपना नही होता।
समझते हैं सारी मुश्किलें अपने,
उन्हें हर दफ़ा कहना नही होता।

यहां बड़ा होने से महान नही होता।
अगर फ़ितरत साफ ना हो‌, तो सम्मान नही होता।

इसलिए अपना कहने वाले , पहले तुम अपनाओ उसको
भेद भाव के साथ नही, दिल से तुम अपनाओ ‌उसको
कभी सुनो तुम उसकी मुश्किल, फिर कभी सुनाओ उसको
रिश्ते-नाते कहने वाले, इसका मोल समझ के आओ पहले।

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8 MAR AT 8:29

यही विधाता यही रुद्र हैं
यही हैं सबका पालनहार
कभी सरल हैं कभी अटल हैं
इनकी कृपा है अपरंपार।

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5 MAR AT 12:06

अपनों मे ग़ैर

कोई कह रहा, मैं हूं तेरा
पर गै़रों मे उसका नाम है।
सब पूछते हैं अब उसे,
तेरी और क्या पहचान है..

मैं लड़ रहा हूं ख़ुद से ही क्योंकि
मेरे अपनों में उनका नाम है।
ना वो समझते थे कभी
ना तेरे दर्द का उन्हें ध्यान है।

मुश्किल में पड़ जाते हो तुम
जब अपना यहां अनजान हो।
मतलब से मतलब है यहां
ये मतलबी पहचान है।
अपनों के दायरों में भी
अपनापन यहां गुमनाम है।

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26 FEB AT 14:51

ज़िन्दगी में कोई ऐसा भी हो..
जिसे हमारी खुशियां और ग़म का आभास हो,
बिन कहे हमारे मुश्किलों का अहसास हो,
हमारी खुशियां उनके लिए, हमेशा खास हो।

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14 FEB AT 1:32

ज़िन्दगी में कुछ लोग इतने खास होते हैं,
वो दूर भले हो मगर, आपके बेहद पास होते हैं।

हम उन्हें हरबार ये जताते नही,
क्या हो तुम ज़िन्दगी में मेरे, हरदफा ये हम बताते नही।

वो समझते हैं इस बात को
इसलिए कभी आजमाते नही।

पर कभी कभी जताना जरुरी होता है।
मेरी बेचैनियों में तुम मेरा सुकून हो,
मेरे हर ख़्वाहिशों के लिए तुम जुनून हो,
ये बताना भी जरूरी होता है।
प्यार से प्यार को निभाना भी जरूरी होता है।

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14 FEB AT 1:08


मां रहकर तेरे चरणों में
मुझे वैभव सदगुण पाना है।

जो ख़्वाब अधूरे हैं मेरे
मां..मुझे वहां तक जाना है।

चाहत है.. पर नादान हूं मैं
मां.. मुझे उसे तो पाना है।

जिसने तुमको माना है,
उसको सदगुण पाना है।

सही ग़लत का भेद समझता,
वो दुनिया को पहचाना है।

तेरे शरण में आकर माता
सपनों का दीप जलाना है।
जो भी अंधेरा है जीवन में
उसको हमें मिटाना है।

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28 JAN AT 2:14

तमन्ना बहुत थी.. अपने सपनों के शिखर पर चढ़ने की
हौसला ना हारे, चाहे जो हो मुश्किल लड़ने की
सारी उलझन मिटा के के हरदम, ख़ुद को बेहतर करने की,

पर लगता है मेरा दौरा गया।
जिसे चाहा वो कहीं और गया।

मैं फिर भी उस इंतजार में हूं।
बस उसका ही तलबगार मैं हूं।
ना जाने क्यों उस प्यार में हूं,
मानो लगता है हकदार मैं हूं।
ना मिला अगर तो बिखरुंगा
पर वो मिल जाए तो निखरुंगा।


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22 JAN AT 10:36


मेरे खुशी के राज तुम।
हे राम.. सब में आज तुम।

कण कण यहां पावन हुआ।
जबसे तेरा ये क्षण हुआ।

आया खुशी का पल यहां
सारा जहान रौशन हुआ।

गूंजा है देखो हर गली
तेरे आने के पैग़ाम से
मिलने चले हैं सब यहां
जपते हुए श्री राम को
मिलने की तेरी चाह में
सारा जगत ये मगन हुआ।



करुणानिधि,आदर्श तुम,
हे राम सब में शीर्ष तुम।

तुमसे ही सबकी जीत है
यहां हर जन को तुमसे प्रीत है।


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