भाव अपने जगा लूं अगर तुम कहो,
तुमको अपना बना लूं अगर तुम कहो,
प्रेम के सिंधु में डूबकर आज ही,
मैं स्वयं को मिटा लूं अगर तुम कहो,
💞💞💞
राधे-राधे-
Jo do dilo ko jodta hai,
नींद में रेगते थे सपन रात दिन,
पर सबरने के कोई न आसार थे,
चाहती थी हथेली धनक चूमना,
ये बहम मुस्कुराने के आधार थे,
और फिर यूं हुआ आ मिले तुम मुझे,
जैसे ताबीर सा एक लिफाफा मिला,
💞💞💞
राधे-राधे-
मोहब्बत की नदी तेरी तरफ ही मोड़ दी हमने,
अधूरी अनसुनी सच्ची कहानी जोड़ दी हमने,
तुम्हें हर बार पाऊं हर जनम में साथ हो तेरा,
तुझे एक बार पाने की तमन्ना छोड़ दी हमने,
💞💞💞
राधे-राधे-
चलते-चलते मैं ख्वाबों का घर देख लूॅं,
तेरी आंखों में अपना असर देख लूॅं,
बात करना मुनासिब नहीं है अगर,
एक जिद्द है तुझे आंखे भर देख लूॅं
💞💞💞
राधे-राधे-
देखकर जो चुराने लगे खुद नजर,
और रखने लगे वह तुम्हारी खबर,
यदि तुम्हारा हृदय भी धड़कने लगे,
जान लो प्रेम का हो रहा हैं असर,
💞💞💞
राधे-राधे-
प्रेम है किन्तु मुख से कहेगी नहीं,
वेदना वो विरह की सहेगी नहीं,
इस कदर वो मुझे चाहती है सुनो,
बिन मेरे एक पल वो रहेगी नहीं,
💞💞💞
राधे-राधे-
ब्याह का भेजा निमंत्रण मुझसे रिश्ता तोड़कर,
मैं भी शामिल हो गया सब लोक-लज्जा छोड़कर,
थी बुलाती वो मुझे पायल बजा कर तो उसे,
दे दी पायल भेंट में सब घुंघरूओं को तोड़कर,
💞💞💞
राधे-राधे-
अब मिले हो तो आओ चले साथ हम,
जिंदगानी की नाजुक कहानी लिखें,
रेत पर एक धड़कन की उम्मीद में,
हम समंदर को आंखों का पानी लिखें,
दर्द बटता नहीं जानता हूं मगर,
कम खलेगा जो संभल तुम्हारा मिला,
💞💞💞
राधे-राधे-
रंगीले स्वप्न जो देखे उन्हीं में खो गई होगी,
मोहब्बत से भरे मृदु गीत दिल में वो गई होगी,
अचानक ही हमारे आगमन की सूचना सुनकर,
वो सर से पांव तक जयपुर के जैसी हो गई होगी,
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राधे-राधे-
सुर्ख रोली का रंग हो बिखरा,
मीठी बोली का रंग हो बिखरा,
उसकी आंखें हैं मेरे चेहरे पर,
जैसे होली का रंग हो बिखरा,
💞💞💞
राधे-राधे-