अपने राज जो थे, सरेआम नही करते
भरी महफिल में तुमको बदनाम नही करते
तेरा यूं अचानक चले जाना मुझे नागवार गुजरा
वरना तुम्हें खास से इतना आम नहीं करते-
Instagram I'd - Prashantmisha1864
ज़माने अब नही लगते जमाने के बदलने में
निशाने चूक जाते है, अक्सर भय के आने से
बदलते दौर के संग तेरा बदलना लाज़मी था
मगर मैं न बदलूंगा कभी तेरे आजमाने से।
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ये धूप छांव का बवाल अच्छा है
तुमारे बारे में अब ,मेरा ख्याल अच्छा है
तेरे जाने से दुख तो हुआ
अभी दिल का हाल अच्छा है
तेरी खुशबू मेरी सांसों से जाती नही
तेरा मुझपे ये एहसान अच्छा है
हर आने वाला शक्स देखता है मुझमें तुमे
तेरा दिया हुआ हर निशान अच्छा है
कभी सोचते ,क्या यूं ही करेगा बदनाम कोई?
जब मुझे पता है, वो इंसान अच्छा है।
हमेसा रहेगा मुझसे कद ऊंचा तुमारा
ज़रा! मेरी सराफत का नकाब अच्छा है।-
मेरे जाने की खबर किसी ने तो दी होगी
ये शहर है उसका, इन हवाओं ने दी होगी
मैंने भी ये सोच के शहर छोड़ा उसका
अब उसको मेरे साथ घुटन सी हो रही होगी
खयाल हैं मुझे अब तू लौटेगी नहीं
तेरे जाने के बाद कही तो जिंदगी होगी।
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मैं तेरा कुसुरवार सही, हूं तेरा गुनहगार सही
चेहरे पर रखता नही चेहरे, अच्छे भले बेरोजगार सही।
मतलब की है दुनिया यारों, जलते रिश्तेदार सही।
सूट बूट वालों से बचना, कुत्ते पहरेदार सही।
अंग्रेजी मीडियम से पढ़ लो , विदेशो से डिग्री ले लो
सरकारी नौकरी है बढ़िया, घूसखोर हवलदार सही।
काटे नही कटे दिन राते, सोच सोच फिजूल की बातें
शनिवार तक काम की टेंशन, दिन है बस रविवार सही।
हाथ पकड़ के जो साथ न छोड़े, तब तो है वो प्यार सही।
तुम हो महलों की रानी , ढूंढ रही राजकुमार सही।
एक छोड़ कर दूसरा पकड़ो, ये तो नही व्यापार सही।
अपनी नैय्या राम भरोसे, अब अपने खेवनहार वही।
Prashantsomu
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व्यर्थ व्यथा है संपूर्ण कथा है
जीवन रण है ,हम योद्धा हैं।
अगड़ित बाधाएं है ,लाखो विपदाये है
राह भविष्य की धुंधली है
ठोकर से पहले किसने सुध ली है?
किसने माना दुनिया एक छलावा है
सब यदि है स्नेही, तब कौन पराया है।
हां,हम है थोड़ा यदि समय से पीछे ,
तो क्या सब अधिकार तुमारा है।
साथ हमारे ,आंखों के सपने
तुमे क्या लगता एकाकी है?
अभी तो बस यह झांकी है
समर शेष अभी बाकी है।
अंतिम निर्णय हम से पूछो
जान अभी भी बाकी है।।
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मैंने कुछ इस तरह खुद को रुखसत कर लिया,
प्यार ना कर पाया तो नफरत कर लिया।
मेरा यार भी कहां कम था,
साथ छोड़ा खूब बरकत कर लिया।
और तमाम जिंदगी पीछे भागे उसकी चाहत में,
मौका मिलते ही मैंने खुद को फुर्सत कर लिया-
कहीं दूर ,कोई बैठा है तुमसे आस लगाए।
ख्वाब दिखाये तुमने पहले, फिर उनको बिसराए
जैसे अंबर रह दूर धरा से, उसको समझ न पाए
उमड़ घुमड़ कर बादल आए, चाहे जितना जल बरसाए।
राह तक रहा आज भी कोई उन गलियों के आगे
जिनमें तुमने स्वांग रचाया, अब आंख चुराकर भागे।
जंगल में जैसे मयूरी नाचे , कोयल भी तान सुनाए।
दूर के ढोल सुहावन लागे, कौन किसे समझाये ।
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मीठी सी मुस्कान तुम्हारी, कुछ कुछ है खास तुम्हारी
तुम अक्सर चुप रह जाती हो ,वो अक्सर कह जाती है।
समझ रही हो खेल निराला, तुमने भी तो मन की माना।
सोच सोच के चलना क्या ही, कल क्या हो
किसने पहचाना?
व्यथित पथिक है ,व्यर्थ पथ है,जिस पर नही हैं संग संग जाना।
कलियों से कोई ये सीखे,पुष्प खिला कर भ्रमर बुलाना।
अंतरमन से प्रेम अगर हो , स्वार्थपरक रिश्ता न हो
जीवन क्षणभंगुर हो जाए ,फिर भी मंद मंद मुस्काना।
फिर भी मंद मंद मुस्काना।
आगे पीछे रहे जमाना, मुश्किल होता दौड़ लगाना
लक्ष्य वरण यदि मन में कर लो, मौका मिलते लगा निशाना।
पर्वत जैसा कर्कश कोई, पत्थर हों या कंकड़ कोई
तम में साथ 🪔 दिया यदि दे, सूरज उगते ,नही बुझाना।
सूरज उगते नही बुझाना।
उम्मीदों से जब रिश्ते टूटे, चेहरे पर चेहरे हो झूठे
किस पर हार का ठीकरा फूटे, तुम टांग अड़ा के नही गिराना।
तुम टांग अड़ा के नही गिराना।-
तेरे सपने, मेरे सपने
सपने अपने , निकले सपने
फिर किसी विरह की पीड़ा , मन ने तो झेला ही होगा
सोचा होगा साथ तुमारा, फिर भी वो अकेला होगा।
दिन कटे राते कटी, दिन पे दिन बाते घटी
पर वही है चांद , तारे, देख लो आसमान प्यारे,
वो नही बदले अभी, कसमें खाए क्या कभी?
फिर नया प्रभात होगा, तुमको भी एहसास होगा
कौन पराए, कौन अपने?
तेरे सपने ,मेरे सपने,
सपने अपने ,निकले सपने।.
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