छोड़कर दुनिया मैं भी जानिब चलने को जो तय था
रुक गया देखकर तेरी आंखों में मेरी इश्क का मय था।-
Degree से ENGINEER हूं.....।
बेपरवाह.....
घुमक्कड़.... read more
सजदे में आया हुआ वो शख्स मिल भी जाता तो अच्छा था
संग घुमा मैं साथ उसके जैसे मेले में खोया हुआ बच्चा था।
अभी अभी टकराया हूं मैं उस चेहरे से, खो गया फिर कही
निकला ही क्यूं मैं मेले से इससे तो बेहतर मेरा सजदा था।।-
अपनी लिखी बातों से मैं खुद ही बिकता चला गया
नजरंदाज करके उनको उनपर ही मिटता चला गया।-
तुझसे बात करने की खातिर अपने दोस्तों को मेरे इंतजार में रखा है
तूने मेरे इश्क़ को खुदा कहा और अपने खुदा को ही बाजार में रखा है।
हसरत रही नही तुझसे कुछ छिपाने की लगा मैं तो अकेला ही हूं
पर तूने तो पहले ही अपने दिल में मुझ जैसे हजार को रखा है।।-
बिखरे पड़े हैं खुद को समेटे हुए
रात काटे तेरा ही नाम लेते हुए।
ये नहीं कि तनहा है हम जमाने में
बस तू गुजरती है आंख फेरे हुए।
तेरी हजार शर्तें भी मान लेंगे हम
कह दे तू कि हम सिर्फ तेरे हुए।।
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मैं पढ़ दूंगा तुम्हारे हक़ में दुआ ये
बताओ मेरी कब्र पे आओगे क्या
जमाना पूछ बैठा गर, मुझसे रिश्ता
तुम्हारा तब अपना बताओगे क्या।-
मेरी किताबों का तो छपना बाकी हैं
मुझे तो खुद को भी पढ़ना बाकी हैं।
मंजिल मेरी बहुत दूर लगती है मुझे
अच्छा तो अभी मेरा चलना बाकी हैं।।-