℞ Prashant Kapsime   (©प्रशान्त कपसीमे✍️)
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Joined 18 August 2018


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28 NOV 2022 AT 22:29

की प्रचण्ड सी ताप है, प्रचण्ड सूर्य नाथ है,
अखण्ड ब्रह्मांड में, सिर्फ़ सूरज ही साथ है,
भिन्न महत्व और अलग प्रताप दुनिया में,
पर गगन धरा मनुष्य प्राणी, सिर्फ़ सूर्य का हाथ है।

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1 SEP 2022 AT 7:41

॥धर्मयुद्ध- समर शेष है॥ भाग ४

युद्धभूमि में ना कोई सम्बन्धी धर्म का पाठ पढ़ाया था,
चारों दिशाओं से शिखंडी को रथ पर गिरता पाया था।
अखिल ब्रह्माण्ड फिर कांप उठा था अर्जुन के बाणों से,
अधर्म पर जीत पश्चात इंद्रप्रस्थ उजाला में फिर छाया था॥

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1 SEP 2022 AT 7:38

॥धर्मयुद्ध- समर शेष है॥ भाग ३

कैसे मौत दें अपनों को जिसने हाथों से खिलाया था,
मृत्यु मिलेगी उनको जिसने बाण चलाना सिखाया था।
बोला दुर्योधन बिना युद्ध सुई समान ज़मीन ना मिलेगा,
फिर केशव को हस्तिनापुर से लज्जित कर भगाया था॥

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29 AUG 2022 AT 21:19

॥धर्मयुद्ध- समर शेष है॥ भाग २

है ये अद्भुत माधव जिसने अमर गीता जगाया था,
थरथराते अर्जुन को गीता का उपदेश सिखाया था।
कैसे भूल सकता है पार्थ पांचाली के चीर हरण को,
तलवारों से टपकती रक्त माँ धरती को पिलाया था॥

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29 AUG 2022 AT 21:15

॥धर्मयुद्ध- समर शेष है॥ भाग-१

धनुष उठा कर जिसने धर्म को बचाया था,
सत्ता लोभियों को जिसने लहू से नहाया था।
पार्थ के रथ को स्वयं केशव हांक रहे थे जी,
धर्म के वास्ते कुरुक्षेत्र में लाशों को बिछाया था॥

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28 AUG 2022 AT 15:34

कैसे मौत दें अपनों को
जिसने हाथों से खिलाया था,
मृत्यु मिलेगी उनको
जिसने बाण चलाना सिखाया था।
बोला दुर्योधन बिना युद्ध
सुई समान ज़मीन ना मिलेगा,
फिर केशव को हस्तिनापुर से
लज्जित कर भगाया था॥

युद्धभूमि में ना कोई सम्बन्धी
धर्म का पाठ पढ़ाया था,
चारों दिशाओं से शिखंडी को
रथ पर गिरता पाया था।
अखिल ब्रह्माण्ड फिर कांप उठा था
अर्जुन के बाणों से,
अधर्म पर जीत पश्चात
इंद्रप्रस्थ उजाला में फिर छाया था॥

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19 AUG 2022 AT 14:17

॥जन्माष्टमी- अद्वितीय कृष्ण॥

स्नेह लीला में रम गए बरसाना के अभिप्राय,
ब्रजमण्डल के भूगर्भ में जुड़ा नया अध्याय,
हुआ चमत्कार अद्वितीय कृष्ण पहुँचे नंदगाँव,
नीला शरीर लिए कृष्ण पहुँचे बाँसुरी बजाय।

भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि मथुरा हुआ धाम,
कारागार में जन्म लिए रोहिणी नक्षत्र में नाम,
द्वापर युग से चला आ रहा जन्माष्टमी त्योहार,
हर हृदय में बसते हैं बस राधा-कृष्ण हर शाम।

संदेश विश्व विशिष्ट दिए पृष्ठभूमि श्री कृष्ण,
महाभारत के युद्ध भूमि में पालन कैसे हो ऋण,
सनातन धर्मयुद्ध में अन्याय का प्रतिकार करो,
खुद विचलित क्यूँ समझूँ जब सारथी हो कृष्ण।

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17 AUG 2022 AT 20:09

की राग में स्वयं विमुख ब्रह्मांड सा शांत थे,
सूर्य की राख में तुम्हारे चित्त जब एकांत थे,
जाग उठा है हिंदुत्व आज विचलित हो क्यूँ,
सनातन को ताक़ रख संस्कार जब भ्रांत थे।

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16 AUG 2022 AT 19:52

समय करवट अवश्य लेगा, वर्तमान भविष्य तब बनेगा।
मेघा गरजेगा और बरसेगा भी, तब अंधकार भी छँटेगा॥
हो मंद मुस्कुराहट और किलकारियाँ थोड़ा बचाए रख।
उम्र अनुभव साथ जटिल होगा, और स्वरूप तब बनेगा॥

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6 AUG 2022 AT 18:14

थोड़ा तो सब्र कीजिए साहब…
मेरी उम्र में आप क्या करते थे और मैं क्या कर रहा हूँ। यह आपको पता है।
तो सोचिए आपके उम्र में मैं क्या-क्या करूँगा! वर्तमान स्तिथि देख कर आकलन करना अनुचित।
थोड़ा तो सब्र कीजिए साहब…

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