॥जन्माष्टमी- अद्वितीय कृष्ण॥
स्नेह लीला में रम गए बरसाना के अभिप्राय,
ब्रजमण्डल के भूगर्भ में जुड़ा नया अध्याय,
हुआ चमत्कार अद्वितीय कृष्ण पहुँचे नंदगाँव,
नीला शरीर लिए कृष्ण पहुँचे बाँसुरी बजाय।
भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि मथुरा हुआ धाम,
कारागार में जन्म लिए रोहिणी नक्षत्र में नाम,
द्वापर युग से चला आ रहा जन्माष्टमी त्योहार,
हर हृदय में बसते हैं बस राधा-कृष्ण हर शाम।
संदेश विश्व विशिष्ट दिए पृष्ठभूमि श्री कृष्ण,
महाभारत के युद्ध भूमि में पालन कैसे हो ऋण,
सनातन धर्मयुद्ध में अन्याय का प्रतिकार करो,
खुद विचलित क्यूँ समझूँ जब सारथी हो कृष्ण।
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