बे-सबब बुझ जाने को जी चाहता है ,
बस मिरा खो जाने को जी चाहता है !
ख़्वाब वालों को हो दुनिया ये मुबारक ,
यानी अब सो जाने को जी चाहता है !-
Prashant Devgun
(चराग)
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Incidents fictional, feelings original
शायर नहीं हूं मैं!
बस लिख देता हूं कुछ भी, कभी भी, क... read more
शायर नहीं हूं मैं!
बस लिख देता हूं कुछ भी, कभी भी, क... read more
Joined 7 March 2018
30 SEP AT 18:58
18 SEP AT 7:01
तुझ को है करते याद हम,
हर एक सुख़न-आबाद में !
जागे हैं तेरी याद में
सोते हैं तेरी याद में !-
10 SEP AT 21:20
नहीं वाजिब कोई गिला करें तुझ से,
है सही के अब ना मिला करें तुझ से !-
10 SEP AT 21:10
बातें न वो इस तरह करे मुझ से,
उस से कहो, ना जिरह करे मुझ से !
साथ में तो मुस्कुरा लूँगा मैं भी,
शर्त ये खुद वो सुलह करे मुझ से !-
10 SEP AT 19:21
किन्ना खोया खोया लगदा है !
तैनूँ कुछ तां होया लगदा है !
होया कि जे छड गया तैनूँ !
ज़िंदगी’च इंज तां चलदा है !-
13 AUG AT 0:42
एक तुम हो जिस को इश्क़ बस है मुझ से,
एक मैं हूँ जो उकता चुका हूँ ख़ुद से !
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