इश्क़ में के बस खसारे हुए है ,
बाज़ियाँ सब हम, ये हारे हुए हैं !
इश्क़ मे था के जीना हमको ,
इश्क़ ही के हम, ये मारे हुए है !-
शायर नहीं हूं मैं!
बस लिख देता हूं कुछ भी, कभी भी, क... read more
सोचे बिन उसको,
निवाला भी निगला नहीं जाता ,
जानी ! खयालों से उसके ,
क्यूं निकला नहीं जाता !-
चाहते हो तो नहीं करते वादे उम्र के !
आप साथ बस जहां तक भी चल सको चलो !
Chhahte ho toh nhi krte vaade umr ke ,
Aap saath bas jahan tak bhi chal sako chalo !-
वो सोचती और मुस्कुराती तो होगी,
कभी उसे याद मेरी आती तो होगी !
Wo sochti aur muskurati toh hogi,
Kabhi usse yaad meri aati toh hogi !-
मानो कश्ती को कोए साहिल नहीं मिला ,
इश्क़ के मेरे कोए क़ाबिल नहीं मिला !-
ना जाने दिन कितनों बाद उजालों में निकले ,
के कितनी मुश्किल से तेरे ख़यालों से निकले !-
I'm unafraid of height, unafraid of depth,
for I'm a lover of life and a devotee of death .
-Prashant-
है तोडना ही दिल जो गर तू तोड़ इस को इस तरह !
अवाज़ आए तुझ को और आए स्वाद मुझको भी !-
औरों की तरह सताओगे आप भी ,
दिल ही मेरा बस दुखाओगे आप भी !
हिस्से नहीं मेरे उलफ़त की राहतें ,
कुछ बिन कहे लौट जाओगे आप भी !-