वो क़िस्मत वाले होते हैं जो अक्सर भूल जाते हैंहर इक शय याद रहना भी बड़ा दुखदायी होता है -
वो क़िस्मत वाले होते हैं जो अक्सर भूल जाते हैंहर इक शय याद रहना भी बड़ा दुखदायी होता है
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|| जान मेरी ये वतना दी, हँसके मिट्टी पे वारी हैरूह मिलेया मिट्टी विच, एहि मुझमें बाकी सारी है || -
|| जान मेरी ये वतना दी, हँसके मिट्टी पे वारी हैरूह मिलेया मिट्टी विच, एहि मुझमें बाकी सारी है ||
Zindagi ko bhala haq haimere KhwabaN miTaane kiMeri tadbeer mei lekinZid hai kuch kar dikhane ki -
Zindagi ko bhala haq haimere KhwabaN miTaane kiMeri tadbeer mei lekinZid hai kuch kar dikhane ki
वो दिन इज़हार का है याद अब तक इस कदर मुझकोकि जैसे रातें उसके बाद सब जगकर गुज़ारी हों— % & -
वो दिन इज़हार का है याद अब तक इस कदर मुझकोकि जैसे रातें उसके बाद सब जगकर गुज़ारी हों— % &
पीली कुर्ती, टीका, चूड़ी, तुम पहनके जब भी आयी होकोई फ़ज़ा हो दिल को तो ये, बस बसंत महसूस हुआ— % & -
पीली कुर्ती, टीका, चूड़ी, तुम पहनके जब भी आयी होकोई फ़ज़ा हो दिल को तो ये, बस बसंत महसूस हुआ— % &
आतिश-ए-उल्फ़त में क्या क्या हो गयाइक नमाज़ी, इक शिवाला हो गयाअब चलो मर के भी यारा देख लेंचैन से जीये ज़माना हो गया -
आतिश-ए-उल्फ़त में क्या क्या हो गयाइक नमाज़ी, इक शिवाला हो गयाअब चलो मर के भी यारा देख लेंचैन से जीये ज़माना हो गया
नए वक़्त की वबाली तह में पुराने पलों की सलवट लिए रहता हूँबड़े होशियार और दिमाग़ी दिलों सेदूजी जानिब करवट लिए रहता हूँसफ़र-ए-वक़्त में जवानी के नोट जाने कहाँ भीग जाएँसो मैं जेब में बचपन के सिक्कों की खनक लिए रहता हूँ -
नए वक़्त की वबाली तह में पुराने पलों की सलवट लिए रहता हूँबड़े होशियार और दिमाग़ी दिलों सेदूजी जानिब करवट लिए रहता हूँसफ़र-ए-वक़्त में जवानी के नोट जाने कहाँ भीग जाएँसो मैं जेब में बचपन के सिक्कों की खनक लिए रहता हूँ
उम्मीदों के दिये हों रौशनखील-बताशे लाएं ख़ुशहाली जगमग महके घर-आँगनखुशियों से भरी हो दीवाली -
उम्मीदों के दिये हों रौशनखील-बताशे लाएं ख़ुशहाली जगमग महके घर-आँगनखुशियों से भरी हो दीवाली
'चॉकलेटी' रात में अपने 'वनीला' चाँद की ख़ातिरसुबह से वो दुल्हन, बिन एक घूँट पानी के बैठी है -
'चॉकलेटी' रात में अपने 'वनीला' चाँद की ख़ातिरसुबह से वो दुल्हन, बिन एक घूँट पानी के बैठी है
मैं अपनी मुफ़लिसी पर सिर पटकने ही वाला था किबच्चे खिलखिलाकर बोले, "पापा दिवाली आ गयी"✒️ मुफ़लिसी : ग़रीबी -
मैं अपनी मुफ़लिसी पर सिर पटकने ही वाला था किबच्चे खिलखिलाकर बोले, "पापा दिवाली आ गयी"✒️ मुफ़लिसी : ग़रीबी