prasanna krishna  
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Joined 21 December 2017


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24 APR AT 13:27

തപിക്കുന്ന മനസ്സുകൾക്ക് ആശ്വസിക്കാം...
വേനൽ മഴത്തുള്ളികൾക്കുള്ള സ്വാദും കുളിർമയും വേറെ ഒരു മഴക്കുമില്ല....

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23 APR AT 10:27

आंसू या आहत नहीं
आक्रोश चाहिए
हर हिन्दुस्तानी के दिल में
आतंकियों पर घृणा और रोष चाहिए
सरकार या फौज से भी आगे
हम देश वासियों का एकजुट विरोध चाहिए
अस्थिर संवेदना, और सलाह नहीं
स्थाई उपाय चाहिए
बार बार पुलवामा पहलगाम नहीं
शांत और विकसित भारत देश चाहिए

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21 APR AT 14:09

I deliberately did mistakes
For a blink of attention from you
......
They say mistakes get noticed often
Compared to impeccable action

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21 APR AT 13:55

When lost myself
How come recollect
And find you

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17 APR AT 13:50

Each mind, disturbed... isolated..., desperate for respite behaves like a child. It craves for support and care, not verbal or material but just a look of love and trust, a hug or a smile of assurance , which gives reason to thrive ... Which withholds the withering hopes... Which makes you alive and breathing.

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14 APR AT 10:49

कलयुग है
भरी सभा में
कृष्णा की नहीं
कृष्ण का वस्त्र हरण होता है
पांचाली हाथ जोड़
भीख मांगती है इज्जत की
कौरव सभा नहीं तो क्या
हर छोटमोटे सम्मेलन मे
छुप बैठ कर देखते है सब
कुछ उदासीन कुछ कृतज्ञ
कुछ खुद बच गए शुक्र मानते है
दूसरे की दामन उछलते देख
कुछ हंसते ,मजा लेते और कुछ
अंदर से रोते पर सब मौन रखते है
पर किसी को चक्रव्यूह में मारकर
कब कोई काल चक्र से बचा है
समय ही उत्तर दाई है उत्तर देने का
द्रौपदी का शाप है अमिट इतिहास के पन्नों पर

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10 APR AT 15:33

राम को लंका तक जाने की जरूरत न थी
एक संकेत ही काफी था
रावण का कटा सिर आ गिरता कदमों पर
पर पुरुषोत्तम है जो उत्तम है वहीं करते है
जिंदगी निभाने की मिसाल देना था
कितने ही आरण्य के अंधियारे पार किए
तब कही सुख का एक सुबह मिलता है
हार न मानना अपार जीत है प्रत्यक्ष
संघर्ष से विराट है धैर्य संयम का
बड़ा संकीर्ण है विजय पराजय का अंतर
आस्था से ही चिराग जलते है आंधियों मे रहकर

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10 APR AT 9:25

आज को कल की पछतावा
आज को कल की परवाह
काश कभी कल आजाता कहने
छोड़ मेरा तू अब रहना बेपरवाह

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9 APR AT 1:16

ഉണങ്ങാത്ത മുറിവായി അവർ എപ്പോഴും കൂടെ കാണും
അറിയാതെ മനസ്സൊന്ന് തട്ടിയാൽ രക്തം പൊടിഞ്ഞു വരും
എൻ്റെ സിരകളിൽ ഒഴുകുന്ന അതേ രക്തം...
ഉയിരുള്ള കാലം തുടച്ചു മാറ്റിയാലും മുറിച്ചു മാറ്റിയാലും
അവർ കാണും കൂടെ കരുതലായി തണലായി ബലമായി
ഒരു ചെറു നൊമ്പരമായി ഒരു നെഞ്ചിടിപ്പിൻ്റെ ഇടവേളയായി
ഒരിറ്റു കണ്ണുനീരായി ❤️

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7 APR AT 9:59

Having things are
More troublesome
Than not having at times
Be it wealth knowledge or relations
You feel you own the wholesome
But in time to realise
you being the watchdog
You could have floated in free flow
Unlike the rigid bars you kept in

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