तुम मेरी ज़िंदगी और वियना ~ ||
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✨poems: #poemsbypraphull
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~अगर तू इत्तिफ़ाक़न मिल भी जाए
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मुझ तक पहुंचने से पहले
तुम्हारी आवाज़
न जाने
कितने चीज़ों से टकराती होगी
पेड़-पौधे, धरती, आकाश
सब को चीर कर
जब वो मुझ तक पहुंचती है, तब
मेरे कानों के पास आकर
वो बगल से चली जाती है
तुम नहीं चाहती कि मैं वो सब सुन सकूँ
जो तुम बिना चिल्लाए नहीं कहती
मैं कुछ नहीं सुन पाता
मैं बस जान जाता हूँ कि
तुम मुझे पुकार रही हो.-
You came a long way,
and left.
Like a half filled bottle,
shattered after falling.-
प्यार को जाते हुए देखना कैसा होता है
समुद को बहते हुए देखने जैसा तो नहीं होता
किसी गाने को गुनगुनाने जैसा भी नहीं होता
भरी धूप में छाता पकड़ने जैसा तो नहीं होता
न होता है एक किताब की बीच के गुलाब जैसा
किसी ग़ज़ल के खत्म होने के दुःख जैसा भी नहीं होता
प्यार को जाते हुए देखना आखिर कैसा होता है?
भरी ठंड में ठिठुरते हुए भींगने जैसा?
या शायद आधी रात तक नींद के बिन जागने जैसा?
मरने जैसा या मर - मर के जीने जैसा?
कभी कभी समझ नहीं आता,
प्यार को जाते हुए देखना कैसा होता है!-