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✨poems: #poemsbypraphull
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~अगर तू इत्तिफ़ाक़न मिल भी जाए
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The day you realize the problem isn't in the world but in yourself is the day you realize the only possible truth.
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मैं मृत्यु के बारे में अधिक नहीं सोचता
जिंदगी के बारे में शायद कभी सोचता हूँ
सफ़र की कहानियाँ अक्सर भूल जाता हूँ मैं
घर के बारे में अब बहुत कम लिखता हूँ
अजनबियों को याद करना छोड़ दिया है मैंने
प्रेम कविताएँ अब मुझसे नहीं लिखी जाती
कोई किताब पढे भी अब महीनों हो चुके है
मेरी आँखें तो ना जाने कबसे नहीं भरी
गजलें सुनने से भी आजकल मुझे शांति नहीं मिलती
तुम्हारे जाने के बाद शायद सबकुछ ही बदल गया...-
I wrote so much about you and now
I wish I could write,
just one more letter for you.-
जो दुःख भूला कर बैठे है
वो ख़्वाब मिटा के बैठे है
तेरे संग जिंदगी न बीती तो
हम ज़िंदगी लुटा के बैठे है
तेरे पुकारने में मेरा नाम नहीं है
हम अपना नाम मिटा के बैठे है
तेरे लौट आने की आस में अब
आँखें ज़मीन पड़ गड़ा के बैठे है
इश्क़ हुआ, इश्क़ में बर्बाद हुए
बर्बादी का जाम बना के बैठे है-