मुस्कुराऊ भी तो कैसे?
सहम जाऊ भी तो कैसे?
ये जो आँसू है......
मेरे अपने ही है,अपनों के दिए,
छुपाऊँ तो कैसे?
बहाऊ तो कैसे?-
जब सजदे बार -बार हो,
मन मे शिकवे हजार हो,
दिल कहे युद्ध आर-पार हो,
जब बचपन याद आता है।
जब मुस्कुराहट बस ठहाका हो,
जिंदगी एक तमाशा हो।
जब वक़्त भी सर फिरा सा हो।
जब बचपन याद आता है।
जब दिल कहे हम संग-संग चले,
फिर भी कोई ना संग चले,
जब जिंदगी बेरंग चले,
जब बचपन याद आता है। ✍🏻-
जब रंगो ने किलकारी भर दी,
बच्चो ने पिचकारी भर ली ,
हुआ आसमा भी गुलाबी ,
फिर हवा भी रंगो से संवर ली।
कर धूम–धड़ाका रंग उड़ाते,
वो देखो आ रही मनचलो की टोली,
खा खीर बताशे रसमलाई,
नाच ठुमक–ठुमक मना रहे है होली।
होली की हार्दिक शुभकामनाएं।🙏-
अप्रतिम भक्ति थी मन मे,
एक शक्ति से मिलने की,
खड़ा मैं घुटनों पर,....धरा शीश मिला,
मन मे उथल-पुथल और कई विडंबना,
माँगा प्रार्थना मे,मुझे मेरा हित दिला,
इस तरह मैंने वो अर्जी लगाई,
शिव ने भी भोला बन,अपनी मर्जी बरसाई,
शिव-पार्वती का जैसे ही साथ मिला,
तब जा के मुझे "शिवाशीष"मिला।
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मुठ्ठी भर की जिंदगी से,
कुछ उम्र चुराना हे मुझे,
दुनियादारी, तेरा-मेरा सब छोड़ कर,
महाँकाल के दर पर जाना हे मुझे।
महाशिवरात्रि की शुभकामनायें 🙏— % &-
वाणी मधुर,कुशाग्र बुद्धि मिले,
मिले पुराणों का ज्ञान,
माँ सरस्वती का आशीर्वाद हो इस तरह,
जिससे मिले सदैव मान-सम्मान।
बसंत पंचमी की शुभकामनायें🙏-
मन करता है उठु धुएँ सा, आसमान को छू लू मै,
मन करता है भवरे सा गाऊ, हर एक फूल पे झुलु मै,
मन करता है पवन सा तेज चलु, हर घटा से मिलु मै,
मन करता है खग सा उडु, अपनी जिंदगी जी लू मै।-
तुझसे बिछड़ कर,जीना सिख लिया,
हर छोटी बात जो कह दिया करते थे,
लेकिन अब, चुप रहना सिख लिया।
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तुम जिस दिल की वजह से जिन्दा हो,
हमने तो अपना आशिया बनाया था वहाँ ।
तुम जहाँ जहाँ जाओगे, संग संग चलुगी,
मुझे अकेला छोड़, भाग कर जाओगे कहाँ।
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मिले जो बगिया मे कलियों की तरह,
वो फुल कभी खिल ना सके,
समय हाथ से फिसलता चला गया,
और हम तुम मिल ना सके।
प्रांजली गीते
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