नन्हें बछड़े ने जन्म लिया, उसका भी हिस्सा हमें दिया.. तू बेच चला बाजारों में, कसाई, मजदूर, किसानों में.. हो चली बूढ़ी एक दिन वो, एक नई जान फिर आ गई.. छोड़ रस्ते पे चला वो, अंधियारी सी छा गई.. तू भूल गया उस माता को, जिसने तुझको ये प्यार दिया.. उस मां का दामन छोड़ दिया, फिर तूने मुंह क्यों मोड़ लिया..