एक लड़की है प्यारी सी उसकी बातें उससे भी न्यारी सी चेहरा उसका चाँद स टुकड़ा रहता है आज कल उखड़ा उखड़ा हँसी पे उसके कोई मरता है अरे समझाओ उसे कोई प्यार करता है एक अदा है उसकी दिल चुराने की एक अदा है आंखों में बस जाने की अब हर अदा ही पसन्द है उसकी हसरत है उस चाँद को अपना बनाने की।
अब तो वो चाँद भी याद करता है अगर तस्लीम न करु उसका और कितना कर्कश हो गया तू जो इतना सा भी न पिघला। अगर मिल जाये चंद से वक़्त तुझे तो उस चाँद से भी रूबरू होना तेरे लिए तो काज़िब ही हु मैं शायद वही एहसास-ए-दिल दिला दे तुझे ।