तेरे आने से पहले भी तू थी,
तेरे जाने के बाद भी तू ही है,
ये लम्हे तो यूं ही कट रहे है,
तेरे, मुझ में, होने के एहसास से,
मेरे सफ़र में भी तू ही है,
और मेरी मंज़िल में भी तू ही।-
बहुत मासूमियत है उन आंखों में,
जो मुझे चुपके छिपके देखती है।
लफ्जों की ज़रूरत है ही नही, अयान,
जब उसकी नजरें इश्क़ बयान करती है।
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यूं इंतहाई नज़रों से खेलना बंद करो,
इशारों में यूं छेड़ना बंद करो ।
बहुत समझदार है हम दिल के मामले में,
तुम्हारी नज़रे समझ गए, हुज़ूर,
तो खुद को रोक न पाएंगे ।-
ये जो इस तरह से,
तुम, मुझे देखती हो,
बस देखती ही हो या....!
इश्क़ भी करती हो..!-
उसे कैसे दिखेगा वो सब "अयान",
छोड़ उसे.....,
वो इश्क़ में, अंधा है।-
बड़ी बेखौफ सी है जिंदगी,
नजाने क्यों तेरे बाद,
बेशौक सी है जिंदगी।
दोस्त, यार, चाहने वाले सब है,
मगर नजाने क्यों तेरे बाद,
बेमौत सी है जिंदगी।-
ये एक रोज़ की बात होती तो,
भूल भी जाते हम।
दिल पे इतने ज़ख्म है मेरे,
कैसे कहां छुपाएं गम।-
मैं नया–नया सा, ठीक हूं,
थोड़ा मस्त, थोड़ा नेक हू।
मत बुला मुझे, मैं रोक ना पाउंगा,
हवा भी ना गुजरे, बहो में ऐसा कसुंगा।
तू कहे तो तेरा फिर हो जाऊंगा।
आदतें अच्छी है, मुझ में अब,
फ़िर बुरा बन जाऊंगा।
मैं नया नया सा ठीक हूं,
थोड़ा मस्त हूं थोड़ा नेक हूं।-