मुझे अब नींद की
तालाश नहीं।
रातों को जागना अच्छा
लगता है
मुझे नहीं मालुम की।
वो मेरी किस्मत में है
या नहीं
मगर उपर वाले से उसे
मंगना अच्छा लगता है
पता नहीं मुझे हक है
या नहीं
पर उसकी परवाह करना
अच्छा लगता है
उसे चाहना सही है या
नहीं।
पर इस एहसास में
जीना अच्छा लगता है
कभी हम साथ होंगे
या नहीं पता नही
पर यहीं ख्वाब देखना
अच्छा लगता है वो
मेरा हो या ना हो।
पर उसे अपना कहना अच्छा लगता है।-
Pranav Thakur
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शुक्रिया आप सभी का मुझे प्यार देने के लिए।
"मै इतना मशगूल था अपनी सुनाता रहा,
शायद मेरे दर्द... read more
"मै इतना मशगूल था अपनी सुनाता रहा,
शायद मेरे दर्द... read more
Joined 28 January 2019
16 MAR 2022 AT 0:00
15 SEP 2021 AT 18:29
सुनो ना
ज़िंदगी मुहब्बत की धुन बनी
सात सुर जब एक हुए तो तुम बनी।-
10 SEP 2021 AT 15:51
सुनो ना
जब आपका ज़िक्र होता है ना
तो लफ़्ज़ों को भी ग़ुरूर आ जाता है।-
24 AUG 2021 AT 23:11
मुझे लगा था मैं अपनी मुहब्बत से तुम्हें जीत लूँगा
परनही।
हम किसी को अपने साथ चलने पर मजबूर नही कर सकते।
-
26 JUL 2021 AT 15:24
ना हाथ थाम सके ना पकड़ सके दामन
बेहद ही करीब से गुज़र कर बिछड़ गया कोई-
5 JUN 2021 AT 0:17
शोर करने वाले अग़र ख़ामोश हो जाए तो
उसकी खामोशी से सुकून नही ख़ौफ़ होने लगता है।-
31 MAY 2021 AT 21:00
नज़र के रास्ते कोई उतर जाए मन में
तो ना दिमाग़ ना दिल लगता है।
उसको देखूँ,उसे सुनूँ उसी को सोचूँ
यही हर पल लगता है।
जो गोरेपन से चेहरे को आंकता है वो हर एक शक्स जाहिल लगता है।
खुबशूरती का क्या काम सच्चे इश्क़ में।
रंग सांवला भी हो तो यार कातिल लगता है।-