pranali chavhate   (pranali)
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Joined 22 October 2019


Joined 22 October 2019
14 SEP AT 22:43

चल माना तू सही हम गलत ठहरे
शायद देखे नहीं थे तूने दुनियां के पहरे...

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14 SEP AT 22:30

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बस एक खालीपन सा महसूस करते है
अक्सर तेरी बातों को याद किया करते है....

छोड़ो जमाना हुआ है इन बातों को भी
भुला दिया होगा तुमने सारे वादों को भी...

सच कहूं तेरा प्यार अचार सा लगता है यार
ज़िंदगी भारी है फिर भी सुकू सा रहा तेरा प्यार...

माफ़ कर ए जान मेरी मैने वफ़ा नही की
बला न आए तुझपे कोई बस दुआ यही की....

तूने सोचा था इतना आसान तो नही था
साथ तेरा मेरा रेगिस्तान का मरुस्थल था...

किसीने किया न कोई करेगा प्यार तुझ सा
मरते दम तक लगेगा तू मुझे जरूरत सा...

जी करेगा तब बात करना यार मुझसे तू
ये जान जाएगी नही आ मिलना बस एक बार तू.....

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14 SEP AT 17:27

चल माना ए-ज़िंदगी
तू सताती बहुत है,
जी जाए सुकून से तो
तुझसे खूबसूरत कौन है ?...

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10 SEP AT 18:21

गले लग कर तुम्हारे जी भरकर रो लेने दो,
ख़्वाबों आकर कब तक झगड़ते रहोगे तुम...

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10 SEP AT 17:09

शख्सखियत वो मेरी ऐसी
बदलने पर तुले हैं,
जैसे मैं मैं नहीं
कोई ओर ही नज़र आऊ....

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9 SEP AT 19:39

धीरे धीरे अपनी अहमियत आख़िर मैं समझ गई,
टुकड़ों टुकड़ों में ये ज़िंदगी जाने क्यों उलझ गई...

उम्मीदों और शिकायतों को दफ़न करते चली गई,
इतनी बार बिखरी कि मै सिमटना भूलती चली गई....

अश्क भी अब बहते नही इन आँखों से जाने क्यों ?
दिल पत्थर सा हो गया यह समझी नही जाने क्यों ?...

चलना सिखा है मैंने ज़िंदगी राहों पर अकेले ही
डरा नही पाते है अब मुझे तूफानों के ये मेले भी...

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25 AUG AT 9:11

किसीसे प्यार ना नफरत कर
चल ए दिल अब पत्थर बन जा...

बहुत सह लिया है यार तूने
अब न हस न रो तू ए दिल
चल ए दिल तू अब पत्थर बन जा...

न कर गिले शिकवे किसीसे
न उम्मीद रख ख्वाइशों से
नम न कर अब मौसम यार
चल ए दिल तू अब पत्थर बन जा....

मैने देखा है बदलते अपनों को
तू मुसाफ़िर राहों का नया नही
इंतज़ार न कर यार तू किसीका
चल ए दिल तू अब पत्थर बन जा...

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23 AUG AT 18:27

वो समझते है हम
भूल गए हैं उनको
आप ही बताओ भला
क्या साँस लेना कोई भूलता है ??...

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22 AUG AT 4:44

उसने दीया था हाथ अपना
हम थाम न पाए ये ग़म था,
याद कर उसे हुआ आज
ज़िंदगी का ये पहलूं नम था....

वो हर कोशिश करता रहा
आख़री तक अपनाने की
हम जिद पर अड गए
उसकी ज़िंदगी बसाने की....

आज याद आते उसकी
ये आंख भर आती हैं
गलत वो नहीं हम थे
ये ज़िंदगी बताती है....

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22 AUG AT 4:32

कुछ रिश्तों को निभाना बस निभाना है
ज़िंदगी जीना मानो जैसे हुआ बहाना है...

अश्क पीते है आज कल हम इतना की
मानो हर साँस में ग़म का ही फसाना है...

जी जाते है जिदंगी का हर कड़वा पल
मिला था जो भी जैसा बस अपनाना है...

कहा गई वो हसरतें और ख्वाइशें बताओ
तक़दीर को भी न जाने हमें क्या जताना है...

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