Pranab Das   (Aayan✍️)
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Joined 29 October 2018


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Joined 29 October 2018
2 NOV 2024 AT 20:58

कोई तम्मन्ना किसी ख्वाहिश के बगैर,
दिल टूटता नहीं आजमाईश के बगैर।।

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25 OCT 2024 AT 16:19

खुली ज़ुल्फों से इशारा क्या है।
ज़रा बता तेरा इरादा क्या है।


आखिर के अंजाम से हूं वाकिफ,
मगर इश्क में इब्तिदा क्या है।


तेरी आंखों में डूबे तो मालूम हुआ, 
समंदर से भी ज़्यादा गहरा क्या है।


तुझे जाना मगर कभी समझा नहीं,
दिल-ए-नादान तू चाहता क्या है।


इश्क़  हुआ  तो  ये  जाना  मैंने।
हिज़्र  आखिर  होता  क्या  है ।।

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24 OCT 2024 AT 14:32

क्या बताऊं के तुम हो क्या मेरे लिए।
तुम इश्क़ तुम वफ़ा तुम ख़ुदा मेरे लिए।

तुमसे ही से है वजूद मेरे होने का,
मैं हूं कश्ती और तुम दरिया मेरे लिए ।

मैं हूं राही खुले आसमां का फकत ,
तुम जैसे किसी दरख़्त का साया मेरे लिए।

तुम्हारी ज़ुल्फें करती है हिफाजत मेरी,
तुम्हारा आगोश में लेना है आसरा मेरे लिए।

नज़रों से मेरे दिल पर गिराती हो बिजलियां,
तुम्हारी मुस्कान खुशियों का खज़ाना मेरे लिए।

तुम  हो  साथ  तो  सब  अच्छा  अच्छा  लगता  है, 
तुम रूठो तो है लगता रूठा है ज़माना मेरे लिए ।।

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21 OCT 2024 AT 14:22

कोई दस्तूर ए वफ़ा है तो बता।
इक शख्स ही दुनिया है तो बता ।

तू कहता है उससे नज़रें हटा लूं ,
उससे हसीन कोई चेहरा है तो बता ।

मैं इश्क की ख़िलाफत करना छोड़ दूं ,
तुझे निभानी अगर वफ़ा है तो बता ।

पहले दिल से लगाए फिर दूर करे
इसके अलावा भी सज़ा है तो बता ।

ऐ दिल उसे भूलूं भी कैसे आखिर ,
उसके सिवा भी कोई मेरा है तो बता ।

बाद हिज़्र के वो ज़्यादा याद आता है ,
उसे भूलने का कोई तरीका है तो बता ।।

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1 JUN 2023 AT 12:17

कोई आए ,पास बिठाए ,हमें प्यार करे,
नज़रें चुराए, नज़रें मिलाए, हमें प्यार करे।
हो हालात कैसे भी न छोड़ कर जाए,
दिल दुखाए, दिल लगाए, हमें प्यार करे।।

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23 MAY 2023 AT 14:29

कैसी तमन्ना कैसी आरज़ू कैसी हसरत करेंगे,
हम तुझसे मोहब्बत और सिर्फ मोहब्बत करेंगे।
तेरे हुस्न पे फ़िदा होते होंगे चांद सितारे,
लोग तुझको देखेंगे तो हैरत करेंगे।।

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22 MAY 2023 AT 18:26

इक कशिश इक तड़प शायद वफ़ा बाकी है,
कुछ तो है जो तेरे मेरे दरमियां बाकी है।
गुज़रते शाम को देख ये ख्याल आया है ,
अभी तुझसे मेरा मिलना बाकी है ।

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5 MAY 2023 AT 21:41

कोई नया चेहरा कोई नया दिल देखेंगे,
अब किसी और में अपनी मंजिल देखेंगे।
मेरा इश्क तेरे काबिल नहीं रहा शायद,
हम जिसके भी होंगे काबिल, देखेंगे ।।

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2 MAY 2023 AT 6:08

किस्से सारे कहानी हो गए,
जज़्बात सारे मुल्तवी हो गए।
इक दौर तक हम तेरे दिल में रहे,
फिर अजनबी थे अजनबी हो गए।।

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18 OCT 2022 AT 15:02

कोई है जो दिल-ए-अन्जुमन में रहता है,
मेरी इन सांसो में धड़कन में रहता है।

उनसे मिलते हैं और बिछड़ते हैं हर रोज़,
मुद्दतों से वो शख्स हमारे ज़ेहन में रहता हैं।।

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