ना समझ ऐ जिंदगी में बन चुका अभी
यूं ख्वाबों का आना भुला चुका कभी
अंधेरे की चादर ओढ़ कर भी
ना सो सकूं मैं
ना जाने कैसी है यह जिंदगी ।।
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Have deep faith in God 🙏
I'm aware that I'm rare 👲
New rap video ou... read more
वक्त का लिहाज़ कुछ इस तरह बदला
के माया के पाश में इंसान स्वयं की छाया का साथ भी छोड़ उठा ।।
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हालातों का यह हिसाब है
नौजवान बेजुबान है
न कद्र किसी की उसको
जैसे शमशान में जलती लाश है
लेकिन है परवाह उसको जो न हुआ हासिल
एक मुस्कुराहट मां बाप की जिसके लिए बेबस बैठा इंसान है-
बहुत जागी है रातें मेरी
अब इन्हें सोने दो
मन ही मन बात दफ़न है
अब इन्हें रोने दो
आंखों में जो कोसा पन है
उसे वैसा रहने दो
चेहरे की मुस्कान ओझल है
मुंतशिर ख्वाबों को रहने दो-
कहां से शुरुआत की थी मुझे याद है
कहां आ पौंचा हूं पता है
बेफिक्र होकर जीता था
और मस्त मॉजी बंदा था
टेंशन के मेंशन पे यारियों का अड्डा था
वक्त ना लगा मेरी सीमाओं को समाप्त करने में
आज खुद से दूर हूं जैसे कलयुग अपने विनाश से-
बस इस उम्मीद में जी रहा हूं
की जो में कर रहा हूं वो सही है
या फिर जो हो रहा है वो
गुफ्तगू भी करूं तो किस से करूं
इन बेजुबान दीवारों से इनसे क्या ही छुपा है
मुझसे ज़्यादा तो इन्होंने मुझे पढ़ा है-
That enlightens the dark
Forget about the future
Pehle present ko sambhal
Situation jo bhi ho main datt ke khada
Maine haathon ki lakeeron se jag hai likha-
पीठ पीछे बोलते है बोलने दो बीचरों को
चर्चा को कुछ बचा नहीं वफ़ा तोलते है यारों
ज़माना बड़ा ख़राब है हर कोई ढूंढता अपना स्वार्थ है
संभल के चलना यारों जिसको अपना समझा वहीं असली सांप है-
लबों पे जो बात थी दिल में बसाए पड़ा हूं
कागज़ और कलम से मन लगाए पड़ा हूं
अब वक्त ही नहीं मिलता तेरे दीदार को
तेरे लिए ही तो कायनात को हासिल करने में लगा हूं।-
जो मैं सोच रहा हूँ वो मेरी किस्मत न हो
मैं जिस समंदर की तलाश में हूं शायद वो मेरी अंदर ही समाया हो-