हाय ये गर्मी
प्यासा पादप तरस रही,
बूंद नीर के पाने को.
रह रह के कह रही,
गरज़ नभ में आने को.
गला धरा की सूख रही,
छाती पल पल फट रहे.
कैसी आयी ये भूख रवि,
भू अपनों से ही बट रहे.
सूख गयीं निर्झर झरना,
नीर की अब आस नहीं.
नभ दिखता कठोर धूप,
हिम भी अब पास नहीं. — % &-
तू तन प्रेमी, मन क्या समझे,
चल हट, कोई बात नहीं.
अरे...., ।2।
तू चाहे नैन लड़ाना हमसे,
पर, तेरी ये औकात नहीं.
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लोगों के सब ताने सुन
वो राह अपनी छोड़ आया,
चुना था जो पथ जटिल
उस पथ पर मोड़ आया
विपदा भारी थी नहीं,
बस ताने उसको झुका डाला.
चाहा था जो पुष्प शान के,
वो चप्पल का गुंथा डाला.
अब मरने के लिए जीना,
जीने की कोई चाह नहीं.
उच्च गिरी से भू पर गिरा,
उठकर भी कोई राह नहीं.
ताने-वाने चित छिले,
विराम दो इस भाषा को.
वाणी निर्मल, वाद मीठे,
हिय प्रिय वाद श्याम सो.
- प्रमोद कुमार
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देखों तेरी चाहत में,
यूँ पागल सा फिरता हूँ.
सम्हलने की कोशिश में,
मद्धप सा गिरता हूँ.
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भ्रमण किया चंद्र लोक में,
चांद मुझसे शर्मा गया.
तारे देखे मुझे घूर के,
फिर आपस में गर्मा गया.
तारे जलने लगे देख मुझको,
चांद उस पर हंसने लगा.
उनको लगा चुरा लूंगा चांदको,
फिर तारे कमर कसने लगा.
एक तारा मेरे पास आया,
और मुझपर ही बरसने लगा.
कहा, इतने दिन हमने देखा,
तुम कहा से आ गये.
ऐसी ख़ूबी क्या है तुझमे,
जो चांद को तुम भा गये.
मैंने बताई अपनी ख़ूबी,
चांद को पसंद मुस्कान मेरी,
जो चेहरे पर खिली हैं,
और इसे चुराया नहीं कहीं से,
ये मुझे माँ से मिली हैं.-
मेघ मे समायी, शीत लहर,
छिन - छिन क्यों रोती हों.
समर की तुम, मीत प्रिय,
जग शीतल कर सोती हों.
मोती सी दृश्य मनोहर ,
पत्तों की मुस्कान हों.
अमृत सी निर्मल पिरोहर,
प्यासा पादप पान हों.
रात्रि में करती विचरण,
पवन तुम्हारे सारथी हों.
जाना होता भिन्न दिशा,
संग पवन उड़ जाती हों.
रंगहीन काया पारदर्शी,
क्यूँ धूप से घबराती हों.
होते भोर दिनकर देख,
धरा में छिप जाती हों.
हे, ओस तेरी बूंद प्यारी,
पड़ी भूमि पर, मोती न्यारी.-
शुक्रिया उस जनाब को,
जिसने मेरा हाल दिखाया है.
आज किसी ने मुझे,मुझसे मिलाया है.
कुछ यादें, आँखों में झलकने लगे थे.
कुछ बाते, झिलमिलाने सी थीं.
एक एक मंजर, मेरे सामने मे थे.
मन की मुस्कान, होठों में खिली थी.
शुक्रिया उस पल को, ख्याल में लाने के लिए.
शुक्रिया मुझे, मुझसे मिलाने के लिए.
Very much thank you, your language are so bad but you were remembered me all those things. achieved like happiness, reward, and more things. So this specialy thanks for you.
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राह देखो नए कोई,
नयी किरण को नमन करो.
चुना कंटक राह कोई ,
उस राह को चमन करो.
खुश रहो आबाद रहो,
हर गलती पर सुधारक हो.
आपको और आपके परिवार को,
मेरे तरफ से, नया साल मुबारक हो.
🙏Happy new🌹 year 2022🙏
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जाड़ के महिना
कथरी ओंड़ के सुते रहें,
त आगु पीछू मेछरावय।
गोरसी संग भूरी बलाइस,
त दुरिहे ले लजावय।
कटर-कटर के दांत कटरावय,
ठिठुर-ठिठुर के अंग।
ला तो भाई लकड़ी, छेना,
गोरसी, माचिस के संग।
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