रहने दो, तुमसे न हो पायेगा,कोशिश लाख कर लो, अब न चल पाएगाबहाना भी अच्छा था,कुछ और नया ढूढ़ लाते।'मज़ाक़' नहीं है ये तुम समझते हो,ये 'दायरा' अब और बढ़ जाएगा— % & -
रहने दो, तुमसे न हो पायेगा,कोशिश लाख कर लो, अब न चल पाएगाबहाना भी अच्छा था,कुछ और नया ढूढ़ लाते।'मज़ाक़' नहीं है ये तुम समझते हो,ये 'दायरा' अब और बढ़ जाएगा— % &
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होने लगा तेरी 'दुआओं' का 'असर' मुझपे,मैं जहां भी देखूं तेरा 'नूर' नज़र आता। -
होने लगा तेरी 'दुआओं' का 'असर' मुझपे,मैं जहां भी देखूं तेरा 'नूर' नज़र आता।
मेरी हर ख्वाइश कहती तुझे पाने को,लौट आ मत ज़िद कर फिर से जाने को।दूरियां मुझसे अब मंज़ूर नही ए-हमदम,क्या कमी रह गई इश्क़ में मिट जाने को।। -
मेरी हर ख्वाइश कहती तुझे पाने को,लौट आ मत ज़िद कर फिर से जाने को।दूरियां मुझसे अब मंज़ूर नही ए-हमदम,क्या कमी रह गई इश्क़ में मिट जाने को।।
हौसले बुलंद थे उड़ने को,मंज़िल का ठिकाना भी मालूम था।क़दमों के साथ ने यूँ निभाया अपना 'फ़र्ज़'एक को आगे बढ़ाने को दूजे को रुक जाना था। -
हौसले बुलंद थे उड़ने को,मंज़िल का ठिकाना भी मालूम था।क़दमों के साथ ने यूँ निभाया अपना 'फ़र्ज़'एक को आगे बढ़ाने को दूजे को रुक जाना था।
ख़ुशी और ग़म तराजू के दो पलड़े हैं,अह्म को सादगी से तौलें तो बराबरी मिले। -
ख़ुशी और ग़म तराजू के दो पलड़े हैं,अह्म को सादगी से तौलें तो बराबरी मिले।
रुको! एक बात करनी थी तुमसे.......सच बताना, लौट कर आओगे ! -
रुको! एक बात करनी थी तुमसे.......सच बताना, लौट कर आओगे !
डूब चुकी है दुनियां नफ़रत का दौर है,बचना मुश्किल है सम्हलने का न शोर है।ख्वाइशें चंद थी भाईचारा निभाने का,शियासत में लुट गए अब ये दौर और है। -
डूब चुकी है दुनियां नफ़रत का दौर है,बचना मुश्किल है सम्हलने का न शोर है।ख्वाइशें चंद थी भाईचारा निभाने का,शियासत में लुट गए अब ये दौर और है।
सब कुछ उजड़ चुका था मेरी दुनियां से,एक भरोसा था तुम्हारा वो तो न तोड़ते। -
सब कुछ उजड़ चुका था मेरी दुनियां से,एक भरोसा था तुम्हारा वो तो न तोड़ते।
हर गुल की बस एक ही ख्वाईश रही,मैं 'चमन' में रहूँ बस 'अमन' में रहूँ। -
हर गुल की बस एक ही ख्वाईश रही,मैं 'चमन' में रहूँ बस 'अमन' में रहूँ।
देख ली उनकी शख्शियत, जो आज फ़ना हो गए!न कुछ लेजा सके साथ, लूटा था जोकुछ मकां हो गए!! -
देख ली उनकी शख्शियत, जो आज फ़ना हो गए!न कुछ लेजा सके साथ, लूटा था जोकुछ मकां हो गए!!