जिन्दगी में हर परिस्थिति के विधाता तुम ख़ुद हो!....
दुःख आया हैं, तो तुम्हारे ही किसी गलती का फल हैं! अच्छे कर्म का फल भी देर सबेर मिलेगा ही!
अतः अपने नसिब को कोसना बन्द करो, ना ही किसी और को जिम्मेदार मानो !
अपने कर्मो को देखो, सही और गलत में फ़रक करना सिखो! यह ही सुख और शांति का मार्ग हैं !-
🥁पखावज (मृदुंग)
✍️लेखक /कवि
"कहीं पर पहुंचने के लिए ,
कहिसे निकलना जरूरी होता हैं साहब !"
अतः हीन विचारों से बाहर निकलिए , और प्रयासों के मार्ग पर चलते रहिए...लक्ष तक जरूर पहुँच जायेंगे!😊-
तुमने देने में कुछ कमी नहीं रखी,
जरूर मेरे लेने या संभालने में कुछ कमी रहीं होगी !
हां आज जरूर ना कामियाब हुवा हु,
थोड़ा ठहर सा गया हूं,
पर संभलकर फिर से चलने लगूंगा,
मंजिलें हासिल करके रहूंगा!
कष्टों में अंगार हो बरसता रहूंगा...
मंजिल पाकर एक दिन,
किसी और के पथ का दीपक बनना चाहूंगा !
अब कामियाबी को हासिल कर के ही रहुंगा!!-
वेळ निघून जाते,
परिस्थिति बदलुन जाते...
परंतु, जीवनात खरा यशस्वी तोच ठरतो,
जो चांगल्या-वाईट अश्या सर्व परिस्थितिंमधुन काहीतरी नविन शिकण्याचा प्रयत्न करतो!-
बात सांप्रदायिक होने कि नहीं हैं...
बात प्राणी मात्र के कल्याण का पक्षधर होने कि हैं!
तुलसी,गौ और गीता मानव मात्र के हित मे हैं, पर्यावरण के हित में हैं!!
हम कब तक अपनी अच्छाई भूलकर, दूसरों कि बुराई अपनायेंगे?
#२५ दिसंबर : तुलसी पूजन दिवस...🌿-
किसी कों बाँध के तुम खुद भी तो मुक्त नहीं रह सकतें !
इसलिए सब कों अपनी ओर से मुक्तता प्रदान कर दो,
संसार का हर प्राणी मुक्तता चाहता हैं !!!
फिर जो तुम्हारी किम्मत जानतें हैं वो तुम्हारे बन के हमेशा रहेंगे, और जो तुम्हारी किम्मत नहीं जानते उनकी जरुरत तो वैसे भी तुमको
नहीं होनी चाहिए। 🤗-
या धावपळीच्या,विलासी जिवना च्या एकदम मधोमध सहजते चा एक संगीतमय रस्ता थेट ध्येयापर्यंत घेवुन जातो.
जागण्यातली ती संगीतमय सहजता मात्र टिकऊन ठेवता आली पाहिजे!-
मनात एखादा विचार येणं किंवा न येणं हे आपल्या हातात नसतं, तो मनाचा स्वभाव आहे!
परंतु, आलेल्या विचारात रममाण होऊन जायचं कि त्याला ओलांडून आपल्या समोरचं जग नितळ डोळ्यांनी बघायचं?
हा मात्र ज्याचा त्याचा प्रश्न आहे!😇-
दुनिया के मायाजाल से छुटने का जब तुम प्रयास करोगें, तब वो तुम्हे मोहजाल मे बांधने कि कोशिश करेगी.
इसलिये पहले मन में यह निश्चय करना आवश्यक हैं कि, मैं किसी भी आकर्षण को बली नहीं चढुंगा!-
"ले जिंदगी ये चुनौति भी पार कर गए,
इस बार भी बहोत कुछ सीख गए !
मासूम मुखडे पीछे के राज जाण गए,
वाह तेरी चक्रव्यूह को आज मान गए !!"-