✍️Prakhar Srivastava😎😎  
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Joined 8 February 2019


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Joined 8 February 2019

मिले खुशियां आपको, नया वर्ष मुबारक हो आपको,

दिल में जो हो वो हर मंज़िल मिले आपको ,

इस वर्ष उड़ान हो ऐसी आपकी खुदा करे , की पर के नीचे हो आसमा आपके ।।

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आइए दो पल गुजारे इस दिसंबर के आखरी दिन के छांव में संग आपके ,
शायद इस वर्ष वक्त न हमको मिले संग आपके ।।

रातें अब तक गुजरी है रो के , दिन गुजरा है अब तलक याद में आपके,
आप ने दिया बदुआ तो क्या,
हमने कर दुआ भर खुशियां दी जिंदगी में आपके ।।

आप रहिए ,खुश जहां रहिए बस मेरे ख्वाबों में आप आते रहिए ,
हमको भी समझिए आप अपना इस वर्ष सुबह शाम बस मिले रहिए।।

इस वर्ष भी कर दुआ , भर दी खुशियां ही खुशियां है जिंदगी में आपके ,
है दुआ ये खुदा से मेरी, की हमको रखें सोहबत इस वर्ष सिर्फ संग आपके ।।

मिले सिर्फ खुशियां ही खुशियां आपको,
नया वर्ष बहुत-बहुत मुबारक हो आपको।।


__✍️Prakhar Srivastava 😎😎

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दौरे बचपन से जवानी तक, वो हर वक्त मेरा साथ निभाई है,
वो बहन ही है जो भाई को इस कदर सजो कर रख पाई ,
मेरी हर गलती पर वह मुझसे ज्यादा डांट खाई है,
तुड़वा देगी मेरी टांगे पापा से, यह बोलकर वो हर शाम मुस्कुराई है।।

वो बहन ही है जो हर गम से हर खुशी तक साथ निभाई है,
उसने अपना फर्ज बखूबी निभाया है मेरी हर गलती को मेरी ताकत बताया है,
तभी तो मैं इस जन्म में खुद को उसका भाई बताया है ।।

बंदिशों में वो ताकत कहां जो उसे लाघ पाए,
उसकी छांव तो वह गहरा समंदर है कि कोई उसे नाप पाए,
दिल में उठती लपटें दरिया की शांत हो जाए जो कोई इस रिश्ते को बस निभा पर पाय ।।

वो मसरूफ रहती थी अपने कामों में, लेकिन वह चिंता मेरी क्या करती थी,
जितनी चोट मुझे लगती थी, उतनी ही आवाज उसके दिल से दर्द की यूं.. ही आती थी,

कोई नहीं है मेरा ,कोई सच्चाई नहीं बहन को लेकर,
यह तो बस एक शब्दों का समूह है, जिसे बसाना है दिल में एक रिश्ता बता कर है।।

यह दिल सुना है, और यह कलाई भी सुनी है,
चांद पर धब्बा है ,फिर भी वह चमकता है,
यही तो बस अपना अलग देखने का नजरिया है।।

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ये बंदा अभी मोहब्बत में हैं💞💞, बहूत खुशियां लूटाएगा 😎,

दो पल बचाकर रख लेना तेरे ब्रेकअप के टाइम काम आएगा ।।

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जिंदगी का दायरा बहुत बड़ा है ,

जनाब ..

वो कभी गलती मत दोहराना ,

जो पहले कभी तुमने किया है ।।

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वो किसी दिन ईद का चांद देखती थी, मैं मां के साथ करवे का चांद देखता था ,
कैसे महसूस होती मेरी यह मोहब्बत रास्ते में यह जमाना था,
शायद वो अल्लाह की बेटी थी, मैं ईश्वर का बेटा था ।।

मैंने पूर्णिमा का पूरा चांद देखा था, उसने अमावस्या की काली रात देखी थी,
मैं बिखरा हुआ सितारा था ,वह चमकती हुई चांदनी थी।।

वो लूटा के हर खुशी अपनी, गम को जिंदगी में मेरे दस्तक देने ना दिया था,
उसने हमेशा काले बादलों को सितारों के नीचे ही रहने दिया था ।।

वो अमावस्या की रात थी, जब पहली मुलाकात थी ,
जिस दिन ढला सूरज इश्क का, वह पहली पूर्णिमा की बात थी।।

जिस दिन वो हमें छोड़ कर गई, वह एकादशी की बात थी ,
जिस दिन हम रोए थे उसकी याद में पूरी रात, वो सावन की पहली बरसात थी ।।

मैं महफूज नहीं मोहब्बत में फिर भी महरूम होता गया उसकी यादों में ,
मैंने तो किला बनाया था उसके दिल में ,फिर भी मैं बिखरता गया उसके जज्बातों में ।।

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- : उड़ने दो इन बेटियों को : -
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उड़ रही है बेटियां इन्हें उड़ने दो ....,
इनका सर ना किसी के आगे झुकने दो.....,

गुजारिश बेटियां से इतनी बस रख लो ध्यान अपने शर्मो हयाब का ....,
है तुम्हारे सीने में दर्द कितना मैं समझता हूं लेकिन छटेगा ये काला बादल जरूर एक दिन .....,
वो जीती है लिए सहारा यही विश्वास का....,

भूल जाओ क्या कहता ये समाज उन्हें है.....,
उन्हें तो ये देश एक आजाद पंछी ही कहता है ।।

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अच्छा हुआ वह हमें छोड़ कर चली गई...

अपना दीवाना ना सही ... लेकिन एक शायर जरूर बना गई ।।

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आज भी वो मसरूफ बैठा आपकी याद में है ,

बहा चुका वो आपके नाम का खून तमाम बार है,

तेरी खुशियों की खातिर उसने सही सह लिए गम हजार है,

किसी को क्या मालूम है,

की वो अपनी जिंदगी भी तेरे नाम पर नीलाम कर गए है ।।

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" Sentence during proposal "
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लड़की :-

तेरी यादों में हम झुमका बदलते हैं दिन में चार बार....,

तूम ही एक ऐसे शख्स हो जो दिन में याद आते हैं हजार बार ।।
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लड़का :-

मैं अपनी हेयर स्टाइल आपके इंतजार में चेंज किया करता था कई बार..... ,

हमने भी तेरी गलियों के बाहर तेरा इंतजार किया था कई बार ।।

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