क्यों न बेफिक्र होकर सोया जाए,
अब बचा ही क्या हैं जो खोया जाए।।-
Prakhar Porwal
(Äpnê ålfãz)
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Live free with lonely 💓
Joined 9 November 2018
13 JAN 2022 AT 19:08
विष का स्वाद शिव से पूछो
मीरा से पूछोगे तो अमृत ही
बताएंगे ....!-
9 JAN 2022 AT 21:16
इंसायनियत वहां दम तोड़ती हैं,
जहां किसी की मजबूरी तमाशा
बन जाता हैं.....!-
1 DEC 2021 AT 22:48
तुम्हारे बाद मुझे नजर नहीं
आई कोई मंजिल
किसी और से दिल लगाना
मेरे बस की बात नहीं...!-
23 SEP 2021 AT 23:35
खाली पन्नो की तरह दिन पलटते जा रहे,
खबर नहीं की ये आ रहे की,या जा रहे..।-