Prakhar   (Prakhar)
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my love-
Poetry
Shayari
Factual ones
Joined 13 June 2019


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Shayari
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Joined 13 June 2019
29 MAR 2022 AT 1:21

जेब खाली हो, मगर पैसे बोहोत उड़ाऊंगा,
जनाब महल तो आओ, सब रानियों से मिलाऊंगा,
विशवास हो तो विशवास कर लेना मुझपर,
क्योंकि अब सीना चीर के तो कभी नी दिखाऊंगा ।

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26 MAR 2022 AT 21:48

भरी बारिश में, जलते मकान देखे हैं,
पैसों से, इतराते इंसान देखे हैं,
भिड़ कुछ इस कद्र थी, गली के किनार में,
जनाब, उस गली में छिपी मुहब्बत की दुकान देखे हैं।

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10 JUN 2020 AT 19:28

सितारे बहुत हैं, मगर चमकना नहीं जानते,
रिश्ते बहुत हैं,मगर निभाना नहीं जानते,
खुस्नासिब हू मै जो मेरे दोस्त हो तुम सब,
क्योंकि लोग तो बहुत हैं, मगर दिल के रास्ते नहीं जानते

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16 MAY 2020 AT 14:14

Dosti-

लड़ाई के सहारे हमारी ज़िंदगी चलती है,
क्या करें जनाब ,यही सब देख तो दुनिया जलती हैं,
लिहाजा कब मौत आ जाए , डर नहीं इस जिस्म को,
क्यूंकि मेरी सासे तो दोस्तो को देख कर चलती है।

दौलत, शौरत ना होने का ग़म नई हमें,
क्यूंकि असली खुशी तो दोस्तो की गालियो में बस्ती हैं।

खुस्नासेब हूं तुम जैसे दोस्तो को पाकर,
क्यूंकि खुदगर्ज दुनिया में , ऐसी दोस्ती कहा मिलती हैं।

जनाब ,अगर दोस्ती हो तो शिद्दत से निभाना ,
क्यूंकि दोस्ती के सहारे तो दुनिया चलती हैं।

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30 APR 2020 AT 11:54

नशा तो हम भी करते हैं ज़नाब,
आप इश्क के लिए और हम "ग़ालिब" के लिए......

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26 APR 2020 AT 22:30

भवरो को फूलों की तलाश हैं,
हमें तो मंज़िल की प्यास है,
माना यह रास्ते कुछ डगमगे से ,
मगर हमें तो अपनी काबिलयत पर विश्‍वास हैं

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20 APR 2020 AT 0:56

अब ये मत पूछना की,
ये अल्फ़ाज़ कहां से आते है,
बस इतना जान लो,
जिन्हे दो घूंट लड़खड़ा नहीं पाते,
उन्हें ये अल्फ़ाज़ ,
एक पल में लड़खड़ा दे जाते है।

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11 APR 2020 AT 1:37



हस्ते सब हैं, मगर हसाता कोई और है,
चलते सब हैं, मगर चलाता कोई और है,
ऐ खुदा मरम्मत करदे इस जख्म की,
क्योंकि रोते हम हैं,मगर रुलाता कोई और है।

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8 APR 2020 AT 14:17

मुआफ करना

इश्क़ हो , तो इज़हार करना,
गंदगी हो , तो साफ करना,
ज़िंदगी एक हैं , गलतियां बहोत हैं,
मगर इंसानियत हों ,तो मुआफ़ करना।

मिलते बहोत हैं , मगर दिलो में कम हैं,
कभी फुर्सत हो ,तो याद करना।

माना ये पंक्तियां , सुकून की ना हों,
मगर कुछ गुस्ताखी हों, तो मुआफ़ करना।

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5 APR 2020 AT 2:39

आवाज़

कुछ आवाज़ आई है,
अंधेरे में चीखने की दर्द लाई है,
कैसी खुशी का इजहार है दोस्तों,
चहेरे में थकावट मगर दिलों में शुकून की बात लाई है।।।।

खुदा रहम करना बढ़ती स्थिति पर,
क्योंकि आज फिर देश की आबादी की बात आई है।।।।

चलो अब छोड़ भी दो इन सारी बातों को,
क्योंकि जन्नत के सहर की बात जो अाई है।।।।।

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