Prakash Singh   (प्रkash Singh)
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Joined 25 June 2017


Joined 25 June 2017
4 NOV 2021 AT 11:16

Shine brightly like diamonds, blaze brightly like candles, and burn all negativity like crackers. I wish you a happy and prosperous Diwali!🎆

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26 JAN 2021 AT 10:38

यही खुवाहिश खुदा हर जन्म हिन्दुस्तान वतन देना,
अगर देना तो दिल में देशभक्ति का चलन देना,
न दे दोलत न दे शोहरत, कोई शिकवा नही हमको,
झुका दूँ सर मै दुश्मन का यही हिम्मत का घन देना,
अगर देना तो दिल में देशभक्ति का चलन देना

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2 JAN 2021 AT 13:39

काश ये पल कुछ यु ही थम जाये,
तुम जो मेरे कुछ और पास आओ|
सुन लूँगा तेरी धड़कन को,
तब शायद ये ज़िन्दगी कुछ और रास आये|
अंदाजा नहीं तेरी कोशिशो का,
पर चाहता हु हाथ में हाथ डाले,
तू भी कुछ दूर साथ आये|

बहकने दो मौसम को,
बिन बादल बरसात आये|
शायद इसी बहाने,
एक-दूसरे में कुछ हम खो जाये|
चाहतो की झंकार हो,
तेरी शरारतो में भी प्यार हो|
आँखों में हसरतें हो,
तेरी तस्वीर का दीदार हो|

तब शायद मेरी रूह को सुकून मिल जाये
तब शायद इस ज़िन्दगी को कुछ और रास आये

पलके तुझे सोचते,
एक बार भी न झपके
कोई तो मोड़ मिले,
इस ज़िन्दगी से हटके

खयालों मे तेरे कुछ यु गुम सा हो जाऊ,
की जब भी आंख खुलू तुझे अपने करीब पाऊं|

मुझे तुझ पर,
और तुझे मुझ पर कुछ और प्यार आये|
तब शायद ये ज़िन्दगी कुछ और रास आये|

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19 NOV 2020 AT 21:05

हर राह आसान हो , हर राह पे खुशियां हो ,

हर दिन खूबसूरत हो , ऐसा ही पूरा जीवन हो ,

यही हर दिन मेरी दुआ हो , ऐसा ही तुम्हारा हर जन्मदिन हो

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14 NOV 2020 AT 8:43

 May the festival of joy become more beautiful for you and family. All your new ventures get success and progress. Happy Diwali!

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12 JUL 2020 AT 22:27

Don't lie
Don't cheat
Don't make promises you can't keep

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23 DEC 2017 AT 15:25

इस साल का सफर कुछ यु गुज़र गया....
कुछ अपने अनजाने हो गए
कुछ अनजानों को अपना कर गया...

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27 NOV 2017 AT 19:28

आज फिर चल दिया मैं मिलने उसे अपना अभिमान बेच कर,
और लौट आया मैं उसके हाथो मैं किसी और का हाथ देख कर,
कुछ पल को वही रुका रहा मैं अपना इमान बेच कर,
कर रखी थी वो वही सच्ची मोहब्ब्त उससे परिभाषा दी थी जिसकी मैंने उसकी आखो में देख कर,
और नज़र आई उन आखों में बेवफाई जो उसने झुकाई मुझे देख कर,

तो फिर,
जाने क्यों आखं ये मेरी भर अयी थी
जाने किस बात की तन्हाई थी
जब उन्ही ने कर दी नीलम मेरी मोहब्बत
तो फिर किस बात की रुस्वाई थी

लो अब ये राज़ तुम्हे बताते हैं
ये कसम आज से खाते हैं
ना जायेंगे अब उन रास्तो पर
जो मेरी रूह को यु सताते हैं
ये कसम आज से खाते हैं
#SS Creations

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22 AUG 2017 AT 1:50

Humne joh ki thi mohabbat aaj bhi hai ... teri zulfon ke saaye ki chahat aaj bhi hai ... raat katti hai aaj bhi khayalon mein tere ... deewanon si woh meri haalat aaj bhi hai ... kisi aur ke tasavvur ko uthti nahi, baimaan aankhon mein thodi si sharafat aaj bhi hai ... chaha ki ek baar chahe phir chhod dena tu ... dil todh tujhe jaane ki izaazat aaj bhi hai
#aakashvani

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18 AUG 2017 AT 0:22

Such a disappointment when you defend someone for so long thinking they are different and they just turn out to be just like what everyone said..

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