Prakash Sharma ✍❤   (Prakash Sharma ✍❤)
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Joined 29 January 2020


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28 OCT 2022 AT 22:57

गम इस बात का नहीं की, साथ कोई मुस्कुराने वाला होता,
गम तो बस इस बात का है की काश कोई गलतियों पर डांटने वाला होता !

@penofshayar

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12 AUG 2022 AT 23:07

कभी हस्ते हुए इस चेहरे ने प्यारा सा एक ख़्वाब माँगा था,

तो कभी टूटे हुए दिल ने बीते हुए वक्त का हिसाब मांगा था,

झुक गयी थी खुदहीसे नज़र मिलाते उसकी,

जब मैंने उस कम्बख्त से उसके इस फ़रेब का हिसाब मांगा था|

~ प्रकाश (पेन ऑफ़ शायर)

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17 JUN 2021 AT 16:49

चाह कर भी तुझको न पा सका इसका कोई शिकवा नहीं हैl
अब क्या होना मेरा तुझसे यु ख़फ़ा, इस रब से भी शिकायत नहीं हैl
है तू अब फिलहाल किसी और का की तुझसे अब वफ़ा ना भी करके और क्या करे
इस जन्म में तो एक हो न सके, रब करे अगले जन्म भी तुझसे ही प्यार करे
(©Pen of Shayar ✒❤)

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17 JUN 2021 AT 8:28

Lessons Learned From 2020

ये वक़्त देखा, ये साल देखा,
दुखो से भरा एक झंझाल देखा,

कही थे दंगे तो, कही थी आग,
दुनिया ने अपना एक काल देखा,

था मन मे खौफ़ और होंटो पे डर,
अपनो को रोते उनका बुरा हाल देखा,

कोविड की मार, दुनियाँ की हार,
डॉक्टर में रब को हर बार देखा,

हाथो में बोतल, मुह पे था मास्क,
डर-डर कर जीना इस बार देखा,

थी अमृत की खोज में साइंटिस्ट की फौज,
जीवन ढूंढती इंसानियत को इस बार देखा,

इंसान थे बंद , जानवर आज़ाद,
घमंड को चूर - चूर कर,
पिंजरे में छिपते इस बार देखा,

थी अपनो की खुशी और बड़ो का मान,
तकलीफों में दुख बाटते सबको इस बार देखा,

कब खत्म हुआ काल और बीता ये साल,
फिरसे दुनिया को चलते इस बार देखा,

ये वक़्त देखा, ये साल देखा,
दुखो से भरा एक झंझाल देखा।
धन्यवाद।
(©Pen of Shayar ✒❤)

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16 JUN 2021 AT 22:43

अंगड़ाइयां
रोज - रोज उन कोरे पन्नो पर कुछ लिखने की दास्तान,
चाय की महक कर देती है कुछ बातें बेज़ुबान।
कभी कभी सारी बातों का हम इज़हार नही कर सकते,
रोज लडकर रोज झगडकर भी तुझसे प्यार नही कर सकते।

हालात भी मजबूर है मेरे तुम पूछो तो सही,
बोहोत से दर्द इस दिल ने छुपा रखे है अभी।
रात से सुबह हो या फिर हो अकेली शाम,
बातों ही बातों में आता है तेरा नाम।
सोच समझकर कर देते है इन लफ़्ज़ों को बयां,
कभी हँसकर कभी रोकर बताती जिंदगी मेरी जान।
चाय की चुस्की हो या हो बातों की गहराइयाँ,
कुछ अच्छा लिखने पर ले लेता हूं अंगड़ाइयां।
पसंद आई कविता तो शुक्रियां आपका जनाब,
मौज मस्ती में जीते रहिये अब अलविदा और आदाब।

(©Pen of Shayar ✒❤)

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16 JUN 2021 AT 22:40

तेरी यादें

रातों में जो रोज नींद नही आती मुझको,
और सुबह को देर तक जो सोने लगा हूं,
कभी मेरी तो कभी तेरी,
यादों में अब खोने लगा हूं।

यूं तो आजकल वक़्त भी बेजुबान हो गया है,
जब हमने खुदसे ही उम्मीद छोड़ दी है,
मुदत्त तक चाहने पर भी उनका न मिलना,
तब खुद की तक़दीरें मोड़ ही दी है।

बेवक़्त इस जुबान पर नाम जो आ जाता है,
सुबह - शाम उनका,
खुद मे कभी हँसने तो कभी रोने लगा हूं,
कभी मेरी तो कभी तेरी,
यादों में अब खोने लगा हूं,
रातों में जो रोज नींद नही आती मुझको,
और सुबह को देर तक जो सोने लगा हूं।

(©Pen of Shayar ✒❤)

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16 JUN 2021 AT 22:29

क्रिकेट (Cricket)

क्रिकेट सिर्फ एक खेल नही
हर खुशियों का एक मेल है,
रोज़ - रोज़ की चिढ़ - चिढ़ में
मनोरंजन का ये खेल है,
बैठे जब बच्चे, बड़े और
घर के सभी तो सब पिक्चर भी अब फेल है,
ईद कहो या दीवाली कहो
ये त्योहारों जैसा खेल है,
जोश और उत्साह से भरा हर
गम भी अब फेल है,
क्रिकेट सिर्फ एक खेल नही
हर सख्श की ये जान है
देश या फिर विदेश कहो
इस खेल का सम्मान है।
(©Pen of Shayar ✒❤)

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16 JUN 2021 AT 22:25

आईपीएल (IPL) का त्योहार

खेल के मैदान में,
लोगो की हर जान में,
हर सख्श की जुबान में,
हर घड़ी और हर शान में,
आंधी या फिर तूफान में
घर या हो दुकान में,
मान हो या सम्मान में,
खुसी और गम का यही मेल है,
चाहे बच्चे,बड़े या हो बुज़ुर्ग कोई,
हर एक इंसान में बसती है जान वही,
भारत का सबसे बड़ा जो त्योहार है,
आईपीएल (IPL) आगया फिर एक बार है।

(©Pen of Shayar ✒❤)
~ प्रकाश शर्मा

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28 APR 2021 AT 20:19

क़ुदरत ने ये कैसा कहर ढाया,
अब ना शहर और ना गांव इससे बचपाया।

चारों और मची कैसी ये चीख पुकार है,
दवाई और सांस की हर जगह अब हाहाकार है।

लोगो की बेबसी दिखती हर वक़्त और हर जहान है,
पर फिर भी लाला खुद को कर रहा मालामाल है।

दुनियाँ पर आया कैसा ये काल है,
कही है आंसू तो कुछ अपने दुखो से बेहाल है।

दुआ है रब से अब इतना भी ना जुल्म कर,
बीत जाए ये वक़्त जल्दी बस इतना सा रहम कर।

जल्दी होंगे इस जंग से आज़ाद और खत्म इसका कहर होगा,
फिर होगी खुशी हर घर मे और ना इसका कोई डर होगा।

ना चुका पाएंगे उपकार हम उनका,
जो कर रहे रक्षा हर घड़ी हर बार है,
ईश्वर ही कहूंगा उनको जो दिखते डॉक्टरों में इस बार है।

ख्याल रखे अपना सभी जीतेंगे जल्दी इस जंग से हम,
जब करेंगे हिम्मत और रखेंगे हर पल अपनो का खयाल हम।

(©Pen of Shayar ✒❤)
~ प्रकाश शर्मा

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3 APR 2021 AT 20:04

का फर्क,
अब सिख लिया था हमने,
जब पैसो की कीमत और,
अपनी औकात का पता चला।
(©Pen of Shayar ✒❤)

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