आ गए क्या? घर पर
यादों के पुराने दर पर ।।
बहुत कुछ छूट गया है
इतने छोटे वक्त पर ।।-
तेरी दोस्ती कम सही, पर रंगीन हो
instgram juyalprakash
जिसके साथ फेरों की कसम ली
वही कातिल बने घूम रहे हैं ।।
किस पर भरोसा करे हम यहाँ
हर कोई मेरी जान के पीछे पड़े हैं ।।-
रिश्ते जर-जर हालातों से गुजर रहे हैं ।।
हम खुश हैं हम अकेले जी रहे हैं ।।-
ये पेड़ ये पौधे ये झरने ये नदीयाँ
सब कुदरत की मेहरबानी है ।।
मैं क्या बताता खुद के बारे में
वही सहमी हुई कहानियाँ है ।।-
तेरे बाद मैंने कभी किसी को चाहा नही
ऐसे दिल कभी किसी से लगाया ही नहीं ।।
कोशिशें बेशक हुई हो मेरी ओर से
तेरे चहरे को नजरों से भूलाया ही नही ।।-
कुछ देर बैठोगे जहाँ
कुछ देर का सफर है यहाँ ।
तुझसे बिछड़के मैंने,जीना सीखा नहीं
हालातों ने मारा,खुद को मारा नहीं ।।३।।
कुछ देर बैठोगे जहाँ
कुछ देर का सफर है यहाँ ।
एक निशानी तेरी,इस उर पर सजी
धड़कने मेरी है,और ये दीवानी तेरी ।।४।।-
कुछ देर बैठोगे जहाँ
कुछ देर का सफर है वहाँ ।
बीतेगी रातें और कटेंगे ये दिन
कुछ धुंधली सही मंजिल की खबर ।।१।।
कुछ देर बैठोगे जहाँ
कुछ देर का सफर है वहाँ ।
चल रहा कारवां और बिछड़ेंगे हम
एक शोर पीछे छोड़ जाएंगे हम ।।२।।-
तू खुशबु मेरे ख्वाबों की
महका तो जगा सपना ।।
उठना भी न चाहूँ मैं
अगर बिछडन है दोबारा ।।-
वो पूछे बता पता
मुझ पर अपना हक जता ।।
गलतियां सौ की हैं मैंने
मुझे कोई सजा बता ।। १।।
चुप रह कर मत सता
कुछ बोल मुझ पर हक जता ।।
मैं दुःखी हूँ अपने किए पर
मुझे कोई सजा बता ।। २।।-