Prakash Hanwat   (रश्म✍✍)
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Joined 28 July 2019


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Joined 28 July 2019
21 JAN 2022 AT 23:34

जिसकी किस्मत मे लिखा हो रोना दोस्तो वो मुस्कुरा भी दे तो आँसू निकल आते हैंl

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29 DEC 2021 AT 16:29

Everyone left one bye one but I'm the unlimited last to create ownself

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23 NOV 2021 AT 18:47

पता चला तो ,
खबर जरा भी कर देते हैं।
उतर रही हो इस मझधार में,
पांव जरा संभाले रखना ।
फूल नहीं काटे हैं इनमें,
होश जरा संभाले रखना।।

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22 NOV 2021 AT 20:01

I want to say that till now I have not said anything,

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11 SEP 2021 AT 19:33

दोस्त तो वो है ,
जो आपके साथ बैठा है और कोई गुफ्तगू नहीं हो रही है लेकिन आप खुश हैं कि वो पास बैठा है।

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4 AUG 2021 AT 8:29

जिन्हें आपस में टकराने से ही फुर्सत नहीं मिलती।
उन्हीं शाखों के पत्ते लहलहाना भूल जाते हैं।

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1 AUG 2021 AT 19:22


पहले न बरस कि वो आ न सके...
फिर इतना बरस कि वो जा न सके।

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26 JUN 2021 AT 13:02

इन्हें गोधरा नहीं दिखा, गुजरात दिखाई देता है।
एक पक्ष के लोगों का, जज्बात दिखाई देता है।

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26 JUN 2021 AT 12:34

जाने वालों पर घी डालो और बोलो "स्वाहा"

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26 JUN 2021 AT 8:40

If you test, then all are aliens, if you understand, then all are on their own.

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