Prakash Dwivedi   (कलमकार-©प्रकाश द्विवेदी)
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Joined 23 April 2018


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27 MAY 2024 AT 11:03

गाँव मे मेरे अस्पताल नहीं था।
इस शहर मे मगर सेहत ही नहीं हैं।।

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25 JUN 2022 AT 16:00

डूब कर तेरी आँखों मे यूँ आबाद हो जाउँ ।
की जैसे भोपाल का में बड़ा तालाब हो जाउँ ।।
मैं यमुना की तरह कब तक छुप कर निहारूँ ताज को !
कोई गंगा की तरह सामने से मिले तो प्रयागराज हो जाऊं!!

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18 APR 2022 AT 9:39

I realized you are just a page of my lifebook.
In which no space is left to write.

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17 APR 2022 AT 14:35

तेरा मेरा नाता जैसे -
फूल संग कांटा, जैसे बारिश में हो छाता ।
जैसे खुशबू पहली बारिश और मिट्टी के मिलन की ।।
जैसे सूरज-चाँद के मिलने पर दिन और रात के घुलने की।
जैसे बच्चे की पहली बार रोने पर माँ की मुस्कुराहट ।।

कैसे समझाऊँ तुम्हें ये कैसा नाता हैं।
इस बढ़ते आधुनिकता के दौर में भी क्या कोई साथ निभाता हैं।।
प्रतिपल,प्रतिछड़ बदलतें इस असमंजस से भरें जीवन मे
स्थिरता का भाव को जगाती तुम ।
सूरज की पहली किरण सी कोमल तुम,
कान्हा के मुरली की तानों सी मोहक तुम,

शब्द कम और भाव अधिक हैं ।
तुम्हें लिख सकूँ मुझमें वो बात कहाँ हैं ।।
किसी औऱ का साथ अब भाता कहाँ हैं ।
शब्दों में समा जाएं ऐसा नाता कहाँ हैं ।।

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17 APR 2022 AT 9:32

लेखक हमसफर ढूंढता है कागज़ की तरह ।
जैसे प्रकाश प्रेम ढूंढता है परछाई की तरह ।
जैसे कागज को कलम से, नदियों को समंदर से,
वैसे नहीं जैसे कृष्ण को राधा से -अपूर्णता के भाव सा ,
प्रेम अल्प और अपूर्ण नहीं होता प्रेम सर्व और संपूर्ण होता हैं।।

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16 APR 2022 AT 8:47

रोज़ सोचता हूं तुम्हें सोचे बिना सो जाऊं
पर सोचे बिना सो जाऊं ये भी सोचता हूं
तुम्हें सोचने के बाद ।।

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23 MAR 2022 AT 10:02

Love can't exit without giving, even giving is the 2nd name of love however giving can exit without love.

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8 MAR 2022 AT 8:01

अर्ध सत्य मैं ,अर्ध स्वप्न मैं, अर्ध निराशा, अर्ध हूं आशा, अर्ध अजीत और अर्ध जीत हूं,
अर्ध तृप्त हूं, और अर्ध अतृप्त हूं, अर्ध पिपासा,और अर्ध प्रकाश हूं।

जैसे शिव है अर्ध बिन गौरा के,
जैसे राम अर्ध है बिन सिया के ।
जैसे श्याम अर्ध है बिन राधा के,
हर पुरूष अर्ध है बिन प्रकृति (नारी) के।।
आधी काया आग तुम्हारी,
आधी काया पानी,
बस इतनी सी है मेरी ज़ुबानी
तुम न होते तो क्या लिख पाता आज मैं कहानी??

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10 FEB 2022 AT 21:12

!! एक दिन !!

किस्से पुराने हो जाएंगे एक दिन , सपने पूरे हो जाएंगे एक दिन ।
बीती बातें भूल जाएंगे एक दिन, रिश्तों की डोर टूट जाएंगी एक दिन ।।

दिल की धड़कन रुक जाएगी एक दिन ।
जिंदगी छोड़कर चली जाएगी एक दिन ।।

बस एक दिन की ही बात होगी ,
कुछ लोग पास होंगे उस दिन ।
क्या हमें याद करोगे उस दिन ??

कोई दिल से तो कोई आँखों से अश्क बहाएगा ।
अगले पल में फिर इस दुनियां में खो जाएगा ।।

लोगो की बात से , लोगो की याद से हम मिटते चले जाएंगे ।
शायद कभी किसी को भूले भटके याद आ जाएंगे ।।

वक्त के प्रवाह को कैसे जीत पाऊंगा ।
एक दिन आएगा जब मैं भी बिता हुआ वक्त बन जाऊंगा ।।— % &

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9 JUL 2021 AT 15:46

ज्ञान का भंडार हैं जहां।
Study iq से बेहतर चैनल है कहां।।
Videos की यहां कमी नहीं।
Quality की जहां अल्पता नहीं।।
गुरु का साथ है यहां।
Study iq से बेहतर चैनल है कहां।।
ज्ञान का मंदिर है ये।
मेरे लिए जन्नत है ये।।
Gaurav sir का मोटिवेशन यहां।
जिंदगी का ज्ञान यहां मिला।।
Vipin sir की डांट मिलती।
Study iq हमेशा कुछ नया सिखाती।।
ज्ञान का भंडार हैं जहां।
Study iq से बेहतर चैनल है कहां।।

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