किसी अपने के लौटने..
की उम्मीद आज भी है..— % &-
Prakash
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Joined 2 February 2022
5 FEB 2022 AT 9:09
दुख इस बात का नही था
कि किरदार बदले 😱
दुख तो इस बात का था
कि अपने ही लोग बदल गए😥
— % &-
4 FEB 2022 AT 17:19
क्योंकि सैयां बलम पिचकारी ऐसा हमारी
संस्कारों में कूट कूट कर भरा हुआ है 🤣🤣— % &-
3 FEB 2022 AT 8:25
वो और उनकी बातें कभी
अपनी सारी सीमाएं तोड़ जाते है..
वो न जाने कहां गुम
और हमें तन्हा अकेला छोड़ जाते है..
वो सादगी से उनका सवाल करना
चुप रहकर भी बवाल करना..
अब तो हर मुखड़े पे तेरी ही सूरत
मैं देखता हूं और तुमको खोजता हूं..
— % &-
2 FEB 2022 AT 21:23
खुद भी रोकर इस जग नू हंसाया कर..
हर एक घट भीतर प्रेम दा दीप जलाया कर..
छोड़ दुनियां की फिकर बंदे तु कदम बढ़ाया कर..
हर एक भटके मुसाफिर नू तु सच्ची राह दिखाया कर..
"रुस्तम"जीता तो रोज खुद के लिए ही..
अरे पगले किसी दिन औरों के लिए भी मर जाया कर— % &-