पुराने इश्क को भला कौन भूल पाता है
यही ऐसा दर्द है जो यादों में रुलाता है,
समय की चाल को मत देख ग़ालिब
इसका नशा रातों में जगाकर
दिन में ही सुलाता है-
आथर*मैं ना भूलूँगा*
टैटूइस्ट *टैटूस बाय अरोरा*
जिन्दगी मुझे अजब तम... read more
मुझसे अब मन्जिल का रास्ता मत पूछ,
मैं खुद भटक गया हूँ,
सब्र करते नहीं मिलती किसी को,
मन्जिल करीब आते आते अटक गया हूँ-
हम उनकी मुस्कराहट का गलत अंदाज लगा बैठे,
हम खुशी से बावरे हुए जाते रहे
वो दिल कहीं और लगा बैठे-
मुकम्मल इश्क करना बहुत कठिन है दोस्तों,
कहीं होकर परेशान रुक मत जाना,
लगेगी हमेशा जिगर पर ज़माने की ठोकर,
चलते रहना, झुक न जाना-
ईद भी गुजरी, मगर उनका दीदार न हुआ,
चला था जो उनकी निग़ाहों का तीर कभी,
आज तलक जिगर के पार न हुआ,
हम तो बस खुद को ही कोसते रहते हैं यारो,
हम सभी के, हमारा कोई यार न हुआ-
हम कमबख्त उसकी फ़क़त इक मुस्कराहट
पर ही फिदा हुए,
काम निकलवाया उन्होनें बड़ी अदा से अपना
बस फिर वो विदा हुए-
सपनों की वो भी क्या दुनियां थी
काश तुम भी कभी चाहत का मंजर रखते दिल में,
सपनीले शहरों में जागती कोई दुनियां थी-
इश्क में भला अब कौन बीमार होता है,
नज़रें बिछती थी कभी अब तिरछी होने लगी उनकी,
मतलब निकलते ही कौन किसका यार होता है-
सम्हलकर चलना मेरे साथ ए जिन्दगी,
मैं अक्सर मय पीकर ही चलता हूँ,
तू मत बहक जाना संग मेरे,
जिंदा लोगो का साथ पाकर मैं खुशी से
बहुत उछलता हूँ-
मुश्किलों की बात न कर
मैं अब सम्हल गया हूँ
देखते आशिकी का हाल
थोड़ा दहल गया हूँ-