पिता को कड़ी धूप में जलना पड़ता है, मां को चूल्हे की ऊष्मा से तपना पड़ता है। बच्चों को संभालने में , खुद को मिटना पड़ता है, दुःखी होते हुए भी, मुस्कुराते हुए दिखना पड़ता है। कर्ज की तर्ज पर चलना पड़ता है, "ठीक हैं" यह वाक्यांश कहना पड़ता है।।
हमारी उन तस्वीरों को अब याद नहीं करना है, तुम और तुम्हारी यादों को खुद से दूर ही रखना है। तुम्हारे संग नहीं बल्कि अकेले ही चलना है, जाओ, जहां जाना है तुम्हें, हमें भी कहीं और चलना है।।