Prajwal Raj  
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Kabhi kabhi...
Joined 6 June 2017


Kabhi kabhi...
Joined 6 June 2017
17 FEB 2022 AT 3:30

खो गए हैं अब कहीं, हम भी किसी के आखों का तारा हुआ करते थे— % &

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9 MAY 2021 AT 14:25

नसीब तूने ये अच्छा नही किया...
दुश्मनी मुझसे थी, बदला मां से चुकाया

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15 APR 2020 AT 0:29


प्यारी मम्मी,
बातें तो बहुत लोगों से होती है,
पर मुझे समझने वाला अब कोई नही

हंसता मुस्कुराता तो बहुत लोगो के साथ हूं,
पर उस मुस्कान के पीछे की खुशी पहचानने वाला अब कोई नही

देर से सही, सोता तो हूं,
पर उस नींद में भी अब वो बात नही

पकवान कितने भी क्यूँ न खा लूँ ,
पर किसी में भी तेरे हाथो वाली वो बात नही

हर रात बस यही सोचता हूं कि कैसे कटेगी अब ये ज़िन्दगी,
क्योंकि ज़िन्दगी जीने में भी अब वो बात नही


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6 APR 2020 AT 3:46

एक घर था
अब मकान हो गया
तुम्हारे बिना माँ सब सूनसान हो गया
इतनी भी क्या जल्दी थी जो इतनी दूर चली गयी मुझसे
दो पल में तुम्हारी ममता से अब मैं अनजान हो गया

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1 JUN 2019 AT 16:33

Kuch baki tha..
Uski ek muskan ke liye use har waqt hasana
Uski ek jhalak ke liye ghanto nazre bhatkana,
Uski khwahisho ko apne sapne banana..uski nadaniyo ko apni adat si banana
Fir bhi...kuch to baki tha❤️

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6 MAY 2019 AT 5:58

इश्क़...
हमारा स्वभाव
उसका कारोबार

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21 APR 2019 AT 2:08

Hum mile kayi bar..
baate bhi hui chaar..
Na yha se ikrar
Na wha se ikrar
nadaniya thi uski beshumar
samajh mai baitha use pyar.❤️

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19 FEB 2019 AT 23:33

Sachchi nafrat karo...
Jhuti mohobbat to duniya wale kar hi rahe hain.

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9 JAN 2019 AT 2:06

तुमपे शायरी कह दी
ओर तुम्हे शायरी ही लगी

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9 DEC 2018 AT 6:48

तुम जो हो तो सब कुछ नया है
तुम नही तो सब पराया है❤️

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