Prajkta Gaikwad  
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Joined 10 March 2023


Joined 10 March 2023
24 JUN 2023 AT 0:45

लोगों का तो खैर नहीं पता,
पर बारिशों के देर से आने से,
सब कुछ दुरुस्त हो जाता हैं।

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15 MAY 2023 AT 16:17

हमारी मगरूरियत नहीं रहीं,
कभी मोहताज मसरूफियत की।
हम उनके भी किस्से में आए,
जिनके कभी हिस्से में न आए।

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11 MAY 2023 AT 23:49

सुकून ,तवज्जों,राहतें ना दे,
ऐसी चाहतें किस काम की?

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10 MAY 2023 AT 20:45



कुछ समेटा हुवा हो न हो जिंदगी में,
थोड़ा सा रायता फैला होना चाहिए।
अपनाता हैं जमाना धुलवाकर दाग,
थोड़ा सा किरदार मैला होना चाहिए।

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9 MAY 2023 AT 11:25

केरोसिन के पीतल के पुराने स्टोव पे,
जिसका बर्नर भी टूटा सा हैं।
उसपे थोड़ी बहुत आँच पर रखी चाय पकने का,
और किसी खास शख्स का,
आपके जिंदगी में आने का इंतज़ार,
ईश्क़ होता भी होगा ....

यह इंतज़ार मुकम्मल होने तक की,
खामोशी काफी कुछ कह जाती हैं।
तलब तो खैर इक दिन छूट जाती हैं,
बस चाय ठंडी रह जाती हैं।

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8 MAY 2023 AT 20:55

फल खाने मिले न मिले,
बीजों को बोना चाहिए।
बातों में दम हो न हो,
बिरयानी में होना चाहिए।

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7 MAY 2023 AT 18:27

काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं,
तब जा के पता चलता हैं कि,
चाँद रोटी सा क्यों दिखता हैं?

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6 MAY 2023 AT 16:31

तुम्हें लगा हैं वक़्त ढूंढने में अपनी हँसी,
और उन्होंने हँसाने के लिए जोकर रखें हैं।
संजोकर रखो अपने बाढ़ में तैरने के किस्से,
उन्होंने तो चप्पु चलाने के लिए नौकर रखे हैं।

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5 MAY 2023 AT 20:09

जिंदगी में हर चीज़ आपके "बस' में नहीं होती,
उस वक़्त लोकल ट्रेन पकड़ लेनी चाहिए।

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4 MAY 2023 AT 20:43

खटास हो तो थोड़ी इमली के लाल चटनी सी,
और सुख हो तो हरे तीखे पुदीने के चटनी जैसा,

"खस्ता" हाल भी हो तो कचौड़ी जैसा हो।

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