क़भी दोस्त बदलते देखा है?
जो कभी सिर्फ़ आपका था, अब उसपे कोई और भी हक़ जताने लगा है,
वो कभी- कभी आपके जितना, कभी आपसे ज्यादा किसी की फ़िक्र जताने लगा है।
जो लड़ जाता था आपके लिए किसी से भी, वो आज खुद की लड़ाईयां सुलझाने में लगा है।
जो आपको कभी अकेला नहीं छोड़ता था, वो आज़ आपके हिस्से से समय बचाने लगा है।
आपके साथ खुलके हँसने-रोने वाला,किसी और के आपसे ज्यादा करीब जाने लगा है।
जो क़भी सिर्फ आपका था वो शख्स अब बँटने सा लगा है।
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