सूना आंगन सूनी गलियां, सूने पड़े चौक-चौबारे हैं।
मिलीं थीं सांसे गिनती की, अब बस खाली बचे लिफाफे हैं।
बरसो-बरसो पत्थर जोड़े, बेजान खड़ी अब दिवाले हैं।
किया उमर भर लेखा-जोखा, अधूरी पड़ी फिर भी ये किताबें हैं।
हैं जीवन कैसा,
हैं मंज़र ये क्या,
सवाल यही
जवाब यही,
बस इतनी सी ही तो बातें हैं।।-
थीं बाट जोहती बरसों से अंखियां जिस पल की।
आने को है वो मनभावन समृद्ध बेला खुशियों की।।
है उत्सव हिंदू के प्राण को प्रासाद में ले जाने का।
राष्ट्र-गौरव रामलला को सुयोग धाम पहुंचाने का।।-
Beginning of "New Year"
itself gives the message
to move on....
To move towards light...
How long the dark may be,
Stay focussed to the Sun,
it will surely vanish the darkness.
How long the road may be,
Move, move, and keep moving,
it will surely lead to the destination.
Happy New Year!! Happy 2024!!!-
मेरे प्रभु श्री राम को तो आना ही था।
फिर था वो सतयुग या है यह कलयुग।।
मेरे प्रभु श्री राम को तो आना ही था।
था लहराया केसरिया या छाया है भगवा।।
मेरे प्रभु श्री राम को तो आना ही था।
बनीं थी अवध दुल्हन या सज रही अयोध्या नगरी।।
मेरे प्रभु श्री राम को तो आना ही था।
जागी थी भींगी अंखियां या घर-घर दीप जली दीवाली।।
मेरे प्रभु श्री राम को तो आना ही था।
था राजतिलक भरत के भाई का या है शिलान्यास मेरे रघुराई का।।
मेरे प्रभु श्री राम को तो आना ही था।
मेरे प्रभु श्री राम को तो आना ही था।-
लम्हें थे कुछ एहसासों के जो, अब यादों में बदल गये।
वक्त हसीन मुलाक़ातो के वो, अब ख्वाबो में बदल गये।-
I stand tall when you stand beside.
I am invincible when you take my side.
O Dad! Tell me, why to bow to God?
When he sent you to take care of mine!-
आज़ फ़िर इक दफ़ा बादलों ने अपने प्यार का इज़हार किया है,
देखो,
पात-पात फूल-फूल ने खिलखिला कर धरा का इकरार दिया है।-
When our elected leader only acclaims of self attainments and proclaims drawbacks of unselected, we must re-examine our elects.
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हसरतें बेहिसाब लिए बैठे हैं वो अपने ख़्वाबों के पहलुओं में,
की नज़रें उनसे कभी तो मिलेंगी चाहत की रंगीन गलियों में।-