हम तुझे मनाने की एक कोशिश में तेरी नाराज़गी मिटाने की सिफ़ारिश एक बार उस खुदा से तो करेंगे रह गए हैं बाकी कुछ पन्ने मेरी किताब में इन रूठने मनाने के किस्सों को एक बार जग में जाहिर तो करेंगे— % &
हां,, खुदगर्ज हूं मैं फिर भी तू अपना सा लगता है तेरे साथ बीता हर पल एक अफसाना सा लगता है एक दिन भी दूर रहना एक ज़माना सा लगता है तू कभी रूठ भी जाए तो हर सफर वीराना सा लगता है
आज उसने हर नायाब कोशिश की है मैं उसकी हो जाऊ बस यही ख्वाइश की है बेशक मैं इश्क नहीं समझती पर आज मान लूं मैं उसकी बात न जानें क्यों दिल ने ऐसी सिफारिश की है
Khwaishon se kxh yun chura liya h daman apna... Ab to har khwab Afsana sa lgta h.... Kisi ke hone ki na to koi aarzoo baki h... Ab to har shakhs bas Diwana sa lgta h....