तुम्हारे साथ सुकून के कुछ पल बिताना चाहती हूँ इससे ज्यादा मैं कुछ ना मांगती हूँ।
कभी तो ऐसा हो कि तुम और हम साथ हो
ना दुनिया की फिक्र हो राधा कृष्ण पास हों
तुम्हारे कंधे पर सिर रखकर घंटों रोना चाहती हूँ इससे ज्यादा मैं कुछ ना मांगती हूँ।
तरसती हुई निगाहों से तुम्हें निहारती रहूँ
तुम्हारे चेहरे को छूकर दिल में उतारती रहूँ
तुम्हारे रूबरू होकर अपने दर्द से वाकिफ कराना चाहती हूँ
इससे ज्यादा मैं कुछ ना मानती हूँ।
"मगर 'तेरी चुप्पी' मेरे होंसले को तोड़ देती है मेरे मोहब्बत भरे दिल को झकझोर देती है"।।-
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हम यह नहीं कहेंगे कि हमको लिखना नहीं आ... read more
तेरी बाहों में सिमटना चाहती हूँ इससे ज्यादा मैं क्या चाहती हूं ??
तू मुझे महसूस करें और मैं पिघलना चाहती हूं इससे ज्यादा मैं और क्या चाहती हूं !!-
तेरे आने का इन्तज़ार उस वक्त तक रहा
जब तक मुझको मेरा होश रहा।
बदहवास होकर भी हम तुझे याद करते रहे
तेरी बेवफाई को हंसकर सहते रहे।-
मेरी लकीरों में क्यों देखते हो खुद को ????
कभी दिल में झाँक कर देखो नजर आओगे।।-
मंहगाई को खूब बढ़ाया चुनी हुई सरकारों ने
देश हमारा बेंच ही डाला केसरिया ध्वज वालों ने।
लूट पाट और छीना-झपटी आपस में है मची हुई -2
देश का कैसा हाल बनाया लालची भरतारों ने।
हाय ! बेरोजगारी कैसी मची है चाटें क्या अब डिगरिंयां मितवा !!
कोई चांदी का चम्मच लिये है किसी को ना नसीब रोटियां।।-
आखिर क्या वजह थी 🤔 बताते क्यों नहीं हो ?
अब इन गलियों में तुम क्यों आते नहीं हो ??
किस्सा तो कब का खत्म हो चुका वो मोहब्बत वाला
क्या तुम अब भी नहीं भूल पाए मुझे! 🤨 तो ये जताते नहीं हो।
चलो छोड़ दो मोहब्बत की बातें अब तुम !!!
दोस्ती है अब दोस्ती को क्यों निभाते नहीं हो ??
दिल में कोई गिला मत रखो
जो है सब सफ़ा रखो।
बेझिझक आ जाया करो मिलने
अब तो तुम मिलने भी आते क्यों नहीं हो ??
आखिर क्या वजह थी....दूर जाने की😥
बताते क्यों नहीं हो...?????❤❤-
सिगरेट जलाई है चांद ने आज तो हंगामा क्यों है!!कि लोगों ने तो कितने घर जलाए हैं...........❤❤
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मसल कर गुलाब के फूलों को
उस वक्त जो इनकार किया था मैने
उसका मलाल आज भी है।-