pragya prakash   (प्रgya✍🏻)
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Joined 20 December 2018


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Joined 20 December 2018
21 SEP 2021 AT 19:32

उनके होंठों के करीब वो जो,
कम्बख्त तिल जितना ऐंठ रहा हैं...
बस मत पूछो कि उसे देख,
कितनों का दिल, कितना बैठ रहा हैं...
जब देखा इन निगाहों से,
उन्हें धीरे से सुलझाते,
अपनी जुल्फों को लपेट ते हुए...
खुदा खैर करे...वो शातिर...
इस नादान दिल को खुद ही में,
इतना उलझा के समेट रहा हैं...

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28 MAR 2021 AT 1:00

ढंग से बेढंग सी पड़ी है ज़िंदगी...
इस जंग में अब तंग सी पड़ी है ज़िंदगी...
लड़खड़ाकर भी ना गिरता देख,
काफ़ी दंग सी पड़ी है ज़िंदगी...
हैं घिरी इतने चेहरों से...
फ़िर भी उस इक चेहरे के बिना,
बेरंग सी पड़ी है ज़िंदगी...
किस ओर जाएगी अब ये उड़ती हुई,
कटी पतंग सी पड़ी है ज़िंदगी....
वक़्त बेवक्त उठती हसरतों की तरंग में,
देखो हुई मलंग सी पड़ी है ज़िंदगी...

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13 MAR 2021 AT 13:01

अब हालत वैसी रही नहीं,
कि वो अपनी हालत बयां करें...
खुद ही से उलझा रहता हैं,
समझ नहीं आता उसे क्या करें...
तमाम कोशिशों के बाद भी,
सब अक्सर रूठ जाते हैं...
दिल उसका बस अब यहीं,
उधेड़ बुन में लगा हैं...
उन्हें मनाने के लिए,
कैसे अब वो कुछ नया करें...

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21 FEB 2021 AT 22:27

गुमराह सा हो गया हूँ...
सुकुन से तुम तक आ सकूँ...
वो राह बता दो ना...
जितनी मोहब्बत से सज़ा दे रहे हो,
उतनी मोहब्बत से गुनाह बता दो ना...
लम्हा दर लम्हा तबाह हो रहा हूँ...
लम्हा दर लम्हा तबाह हो रहा हूँ...
क़ुबूल होती हैं जिस दर में सारी दुआएं,
किधर हैं वो दरगाह बता दो ना...

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12 JAN 2021 AT 20:16

In between the middle of tornado of life...
Let us just become that Sailor,
Who still manages to reach its shore...
Problems are endless like sea...
But Don't afraid from drowning,
Because It'll haunt you more...
These waves of scars looks so high...
Will definately comes down soon...
And guess what...
Scars are even beautiful if you adore...

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21 OCT 2020 AT 23:02

Sometimes its okay,
To feel not to be okay...
You'll realise a lot,
And By this way,
You'll find a new way...

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21 OCT 2020 AT 11:52

जाने कैसी सजा बेवजह,
खुद को दिए जा रहा हूँ...
जाम समझ अश्कों को ही,
हर वक़्त पिए जा रहा हूँ...
ज़िंदगी चाहती हैं खुद खुशी कर लूँ...
पर जिन्होने ज़िंदगी दी,
उस माँ को देख जिए जा रहा हूँ...

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20 OCT 2020 AT 23:09

How much a smile hides,

Only the eyes knows...

Got stuck on something,

But ironically life still goes...

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20 OCT 2020 AT 23:01

The silence has,

Too much to say...

It is just about,

Who left or who stay...

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9 JUL 2020 AT 21:23

इन बारिशों से भी दोस्ती,
कुछ यूँ हो गई...
कुछ किस्से क्या सुनाए इसे,
ये तो बेतहाशा रो गई...
अब तो बरसती भी,
जरा सोच सोच कर हैं...
क्या बताऊँ ये भी,
मेरी तरह जाने कहाँ खो गई...

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