आसमां को ज़रूरत नहीं सूरज चंदा की, वो उनके बिना भी आसमां ही कहलाता है आसमां को ज़रूरत नहीं सूरज चंदा की, वो उनके बिना भी आसमां ही कहलाता है इंसान को ज़रूरत नहीं पैसों की, वो उनके बिना भी इंसान ही कहलाता है कह दो उन गरीबों को जिन्होंने पैसों को रिश्तों से ज़्यादा मोल दिया है, देख लें हम अमीरों को हमारा जीवन ही तो जीवन कहलाता है।।— % &
दुःख बहुत हैं पर सुनने वाला कोई नहीं, दर्द बहुत हैं पर मिटाने वाला कोई नहीं, पल बहुत हैं पर खुशी का एक भी नहीं, जिंदगी तो बड़ी है पर जीने की हिम्मत नहीं।
हैं इस दिल में कई राज़ छिपे, तुमसे मिलकर कहने थे जो । था सही वक्त का इंतज़ार मुझे, कह देती सब तुम मिलते जो । न तुम मिले न ही वक़्त को सही होने का वक़्त मिला । चलो छोड़ो हो गया जाने दो मेरी मर्ज़ी से कहाँ कभी कुछ हुआ ।
बेटी को परी नहीं शेरनी बनाओ नृत्य करने के साथ लड़ना भी सिखाओ चुप रहना नहीं ,बुलंद होना सिखाओ सब सहना नहीं, आवाज़ उठाना सिखाओ प्यार करना सिखाओ और दहाड़ मारना भी सिखाओ किसी के डर से छुप जाना नहीं बल्कि सर उठा के जीना सिखाओ। अपनी बेटी को परी नहीं शेरनी बनाओ!
निकली है पवन ये सपनों को जगाने, कुछ अपनों को मनाने, सपनों को जगाने। निकली है पवन ये रूठों को मनाने, कुछ महफिलों को सजाने, कोई हस्ती को बनाने। निकली है पवन ये जुल्फों को उड़ाते, आँचल को गिराते कुछ पलकों को भिगाते, बादल को उड़ाते। निकली है पवन ये सपनों को जगाते।