Pragati Singh   (Shivi❤️)
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@_shivi.writer_
Joined 19 April 2019


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12 JUL 2022 AT 20:01

ख़ुदा ही जाने क्यों मेरे अंदर कमियाँ ही कमियाँ हैं
जिसकी हूँ उसे कोई और चाहिए और जिसकी नहीं हूँ उसे मैं बिल्कुल नहीं चाहिए ।।

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20 FEB 2022 AT 21:06

आसमां को ज़रूरत नहीं सूरज चंदा की, वो उनके बिना भी आसमां ही कहलाता है
आसमां को ज़रूरत नहीं सूरज चंदा की, वो उनके बिना भी आसमां ही कहलाता है
इंसान को ज़रूरत नहीं पैसों की, वो उनके बिना भी इंसान ही कहलाता है
कह दो उन गरीबों को जिन्होंने पैसों को रिश्तों से ज़्यादा मोल दिया है,
देख लें हम अमीरों को हमारा जीवन ही तो जीवन कहलाता है।।— % &

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9 JAN 2022 AT 23:49

दुःख बहुत हैं पर सुनने वाला कोई नहीं,
दर्द बहुत हैं पर मिटाने वाला कोई नहीं,
पल बहुत हैं पर खुशी का एक भी नहीं,
जिंदगी तो बड़ी है पर जीने की हिम्मत नहीं।

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20 DEC 2021 AT 23:50

हैं इस दिल में कई राज़ छिपे,
तुमसे मिलकर कहने थे जो ।
था सही वक्त का इंतज़ार मुझे,
कह देती सब तुम मिलते जो ।
न तुम मिले न ही वक़्त को सही होने का वक़्त मिला ।
चलो छोड़ो हो गया जाने दो मेरी मर्ज़ी से कहाँ कभी कुछ हुआ ।

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4 SEP 2021 AT 7:17

बेटी को परी नहीं शेरनी बनाओ
नृत्य करने के साथ लड़ना भी सिखाओ
चुप रहना नहीं ,बुलंद होना सिखाओ
सब सहना नहीं, आवाज़ उठाना सिखाओ
प्यार करना सिखाओ और दहाड़ मारना भी सिखाओ
किसी के डर से छुप जाना नहीं बल्कि सर उठा के जीना सिखाओ।
अपनी बेटी को परी नहीं शेरनी बनाओ!

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25 AUG 2021 AT 21:43

हर चीज़ को देखने का नज़रिया बदलो तो दुनिया अपने आप बदल जाती है,
लेकिन अगर अपनी आँखों में ही पर्दा लगाकर बैठो तो दुनिया पर्दे में ही नज़र आती है।

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3 JUL 2021 AT 12:49

जब किसी की संगत से आपके विचार अशुद्ध होने लगे तो समझ लेना उससे दूरी बनाने में ही आपकी और आपके अपनो की भलाई है।

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30 MAY 2021 AT 23:05

ये कैसा मेरा सफ़र है
न कोई मंज़िल, न ही अंत है ।

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15 MAY 2021 AT 11:53

निकली है पवन ये सपनों को जगाने,
कुछ अपनों को मनाने, सपनों को जगाने।
निकली है पवन ये रूठों को मनाने,
कुछ महफिलों को सजाने, कोई हस्ती को बनाने।
निकली है पवन ये जुल्फों को उड़ाते, आँचल को गिराते
कुछ पलकों को भिगाते, बादल को उड़ाते।
निकली है पवन ये सपनों को जगाते।

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11 MAY 2021 AT 8:13

क्या करूँ इस जिंदगी का जहाँ एक दिन जीने के लिए हज़ारों बार मरना पड़ता है।

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