किस्मत की मेहरबानी है या ऊपरवाले की रहमत,
जादूगर का जादू है या फिर है कोई कयामत।
वो मामूली नहीं, काबिल-ऐ-तारीफ है,
ये हकीकत नहीं हो सकती, ज़रूर किसी सपने की साजिश है।
लोग बेवफाई में पीना शुरू कर देते है लेकिन हम तो सिर्फ लिखते है
सुना है, आज भी मोहब्बत के बाज़ार में शराब से ज्यादा दिलजलों के शेर बिकते है।
ऐसा नहीं है कि हम नशा नहीं जानते और ना करने से झिझते है,
लेकिन उनकी नज़रों के नज़ारे भी बार-बार थोड़ी ना दिखते है।
किसी सच्चे आशिक़ ने कहा है कि
हाँ दिल मेरा टूट गया, उनकी वजह से।
लेकिन धड़कने मेरी नहीं रुकी, उनकी वजह से।
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