हर मुस्कुराहट के पीछे ज़रूरी नहीं शांति ही हो
तुफान भी तो बिना आवाज़ किए ही आते हैं.....-
ये खयाल अच्छा है.........🙂
-pradyumna sharma
Fb- Pra... read more
एक सालों से दबा एहसास फिर उभर कर आया है
जिसने काफी हद तक मेरी आत्मा तक को झुंझलाया है
मुझे नहीं पता ये कैसे हुआ है और कब हुआ है
लेकिन मेरे दिल के गलियारे में फिर एक परछाया नज़र आया है-
कुछ पूछना चाहूँ तुमसे तो पूछने का फायदा नहीं है
पीछे ही पड़ जाऊँ तुम्हारे ये कोई कायदा नहीं है
बस थोड़े से प्यार के लिए जान तक दे सकता हूं मैं
मन बना लो तो मेरी जान की कीमत कुछ ज्यादा नहीं है-
दिल मेरा सूखा सा है, मुझे तो ज़लज़ला चाहिए
सीधा तो मैं ही काफी हूँ, मुझे तो बला चाहिए
मुझे ज्यादा अनुभव नहीं खूबसूरती को रिझाने का
फैसला जरूर मेरा ही होगा मुझे तो सलाह चाहिए-
क्या उनसे मैं अब भी वास्ता रख्खूं
या भगवान तुझमें ही आस्था रख्खूं
मैं समझता था मैं जानकार हूं हर राह का
बेबस हूं तय करने में कि मौत से मिलने को कौन सा रास्ता रख्खूं-
मेरे हर हाल में तुम ही नज़र आती हो
मुझ पर उठे हर सवाल में तुम ही नज़र आती हो
मैं तो लगभग मान चुका था कि तुम ही फिक्र करती हो मेरी
फिर पता चला मुझे झुकाने की हर चाल में भी तुम ही नज़र आती हो-
हर कोई तो नहीं साथ ही है आता
हर कोई तो नहीं आना ही है चाहता
क्या मैं सोचूं अगर सोचूं भी तो मैं
सिर्फ उसे ही क्युं मैं भुला नहीं पाता-
हर कोई तो नहीं साथ ही है आता
हर कोई तो नहीं आना ही है चाहता
क्या मैं सोचूं अगर सोचूं भी तो मैं
सिर्फ उसे ही क्युं मैं भुला नहीं पाता-
कभी तो मुस्कुरा दिया कीजिए हमारी भी बातों पर
हमेें भी कौन सा तुम्हारी हर बात ही रास आती है
चलिए हमारी जो बात रास आए उस पर ही मुस्कुरा दीजिए
ऐसी कौन सी नखरों की ताकत है जो तुम्हारे एहसासों को दबाती है-
मेरा दिलबर बेवफा है ये मुमकिन नहीं है
मेरा भगवान मुझसे खफ़ा है ये मुमकिन नहीं है
में देकर जिंदा हूं दिल अपने दिलबर को इसलिए
उसने किसी और को दिल दिया है
ये मुमकिन नहीं है-