वक्त बुरा है इसलिए ख़ामोश रहते है,
अपने ही सवालों के जवाब में रहते है,-
लिख़न... read more
कशिश तुम्हारी नजरों की दूर जाने नहीं देती,
और तुम कहते हो कुछ देर और ठहर जाओ,-
कुछ यारों को परखा मैंने
कुछ मेरी यारी परख गए
कुछ गलतियों पे नाराज़ ना हुए,
कुछ बिना कहे ही चले गए,
कुछ जान छिड़कते थे मुझपर ,
कुछ आयी मुसीबत सरक गए,
कुछ मुझसे बिछड़कर ख़ुश थे
कुछ देखने को भी तरस गए,-
अब वज़ह की जरुरत नहीं है हमें,
लड़के है इतनी ही वज़ह काफ़ी है,
कभी हालात कभी किस्मत को कोसकर,
हम अपने ही हाथों मुँह छुपाकर रो दिए,-
बेवज़ह ख़ामोश है जिक्र कर सकते नहीं,
लड़के है जी आसानी से भूल सकते नहीं,-
भीगा काग़ज़ सा हु तेरी टूटी क़लम की बहती स्याही से,
तेरा यूँ भिगाकर जाना आसान था मगर
मेरा तुझको सोखकर जीना मुश्किल हो रहा है
निशां बाकी रहा सिर्फ़ तेरा, मेरा अब कुछ मेरा ना रहा,-
अपने ही रंग से रंगना तुम मुझे,
फितरती रंग नहीं चढ़ता है मुझे,-
झूठ बोलने लगा हूँ
मजबूर हु धोखेबाज नहीं हूँ,
बस ठीक हु कहकर,
मुस्कुरा रहा हु ख़ुश नहीं हूँ,-
जिनका बातों में रहता था फ़साना,
उनसे गुफ्तगू किए गुजरा जमाना,-