Pradeep Singh   (@_philomath_11)
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Safar pe nikal pada anadi
Joined 24 January 2018


Safar pe nikal pada anadi
Joined 24 January 2018
7 JUN 2022 AT 20:51

" Life is all about your choices which you will make today "

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25 DEC 2021 AT 6:42

हाथ मैं कलम लिए
आंखों मैं कुछ ख़्वाब लेके
निकल पड़ा हूं सपनो की उड़ान की ओर
मंज़िल अभी नजर तो नही आती
मगर विश्वास है मुझे अपने जज्बे पर।

एक वक्त था सुबह उठा नही जाता था
और आज सिर्फ ⏰ अलार्म बजने का इंतजार रहता है
वक्त की कीमत शायद अब पहचानने लगा हूं
वक्त भले ही मुफ्त मैं मिलता हो मगर अनमोल है जानने लगा हूं मैं।

आंखे भारी हो जाती है कई बार
मगर मंजिल का ख्वाब सोने नही देता
क्या होगा ये तो किसने जाना है
मगर मेहनत मैं ईमानदारी होगी ये वादा मैने खुद से किया है।

साल बीतने को है
लेकिन अब न्यू ईयर की पार्टी का इंतजार नही रहता
शायद अब समझने लगा हूं मैं
सपने देखने के लिए नही पूरे करने के लिए होते हैं।

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29 NOV 2021 AT 18:50

Easiest thing is to 'give up' once you're tired
But working with hardships only makes you stronger
And not everyone have the courage to continue
So if you're courageous
please appreciate yourself!

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29 NOV 2021 AT 18:06

It's not easy to escape your presence
It's not easy to unlove
You want me to stay forever
But without permission for love
You don't want attachment
I don't want detachment
Okay! You win
I'll do what you say :)
Because my heart desires for your happiness!

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1 APR 2021 AT 11:45

Always remember your long term goal
but focus daily on short term goals !

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30 DEC 2020 AT 20:32

ठोकरें कई खाई इस साल
मगर चलते रहें
आगे बढ़ते रहें
लम्हे ऐसे भी आए कि लगा बस ये नहीं होगा
मगर ऐसे में मन को शांत किया
और कहा यही तो असली परीक्षा हैं
और अभी ठहर के कोशिश करेगा तो
बस कुछ पल के लिए दर्द होगा
रुक गया तो ज़िन्दगी भर रोएगा ।
लड़ते लड़ते साल भी खत्म हो गया
कई सारे नए पाठ पढ़ा गया
इतना तो बता गया की
निरंतर मेहनत विफल नहीं जाती
भले ही महीने लग जाए मगर अंत में कामयाबी मिल ही जाती है।
दिनचर्या एक समान रहती है बस तारिक बदल जाती है
मेहनत, लगन, ध्यान तारिके बदल जाने से नहीं आती
जुनून होगा तो साहेब क्या दिन क्या रात का पता ही नहीं लगता
आप तारिक की बात करते हो।
साल नया हो या पुराना अपना तो
मकसद होगा अपने को रोज आगे बढ़ना।

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19 NOV 2020 AT 9:44

उलझा हूं , गिरा हूं , टूटा हूं
हारा नहीं हूं , मंजिल भूला नहीं हूं ,

क्योंकी
अभी मैं जिंदा हूं
उठना जानता हूं
लड़ना जानता हूं
उड़ना भी जानता हूं!
परिस्थितियां ताकतवर ज़रूर है
मगर इतनी नहीं
कि हमारे सपने ही तोड़ सके।

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8 NOV 2020 AT 6:28

Earlier dad used to wake me up at 6am!
But still my body refuses
Today Nobody wakes me up
But my body wakes up at 3am

Moral: No external force
can make you determinant
towards your dream,
But only your inner energy
makes you passionate!

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8 NOV 2020 AT 3:58

Dear,
We see in life,
we have to make choices
Many times we've to compromise
our long sleeping hours pattern
in compare to achieve our small goals!
We've limited time on this planet
So why not make best use of it
rather living same toxic life
and complaining whole life!

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23 OCT 2020 AT 6:25

मुशिकिले तेरी ही नहीं मेरी भी ज़िन्दगी मै है
वक़्त तेरा ही नहीं मेरा भी खराब आता है
डिप्रेशन की भावनाए तेरे ही नहीं मेरे दिमाग मै भी आते है
माँ तुझे ही नहीं मुझे भी दाठती है
दुखी तू ही नहीं मै भी होता हूं
गलती तू ही नहीं मै भी करता हूं
परिस्थिति तेरी ही नहीं मेरी भी खराब होता है

लेकिन साहब फर्क इतना सा है
तुम मस्किलो मै ही उलझ जाते हो और मै निकल जाता हूं
मैं स्वीकार करता हूं अपनी गलती और आगे बढ़ जाता हूं
कठिनाई जितनी भी हो लेकिन मै डटे रहता हूं
माँ की दाट पे उल्टा जवाब ना दे के माफ़ी मांग लेता हूं
गुस्से को अपने व्यवहार मै नहीं लाता।

जो जैसा है उसे स्वीकार करके आगे बढ़ जाता हूं।
अपने हालातो का रोना नहीं रोता।
हर परिस्थिति से सीख लेता हूं और
अपने को बेहतर बनाने का निरंतर प्रयास करता हूं।

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