आखरी पहर में
उठ गई है दादी
ओढ़ कर खादी
वो ढूंढ कर लाठी
चल पड़ी ईश्वर को जगाने
अपने लिए मोक्ष को पाने।
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मजे कर रहे हैं
डिसिप्लीन के नाम पर गुलाम बनाने वाले
बेबस और लाचार खड़े हैं
नाम कमाने वाले
मुर्गे को पंछियों की बागडोर थमाई जाती है
ये देख कर चुना जाता हैं
किसकी क्या जाति है, कौन किसका नाति है?
नेता, अफसर मिशन कमीशन मोड पर चल रहे हैं
कानून के रखवालों की छत्र छाया में ही गुंडे पल रहे हैं
नीचे से ऊपर तक सबका हिस्सा तय हैं
बाकी अगर कुछ बचता है तो विकास पर व्यय है
शॉर्टकट पर चलने वाली पीढ़ी को लांग ड्राइव पर जाना हैं
अंड- बंड कुछ भी करके सोशल मीडिया पर फेमस हो जाना है।
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अब खबरों का भी बाज़ार हैं
बिकी हुई खबरें हैं
चिकनी- चुपड़ी,मसालेदार
मज़ेदार खबरें हैं
सेलेब्रिटी के जीवन की
अंदर की खबरें हैं
बाकी बाबर, गजनी, गौरी
और सिकंदर की खबरें हैं
असल मुद्दों की बात नहीं
ये फोकट की खबरें हैं
तथ्यों की पड़ताल नहीं
वायरल(फेक न्यूज) ये खबरें हैं
शालीनता को जेब में रखकर
गला फाड़ चिल्लाते हैं
उसका ही गुण गाते हैं
जिसका वो खाते हैं
अब खबरों का भी बाज़ार हैं
बिकी हुई खबरें हैं।-
कभी कभी हर बात से फर्क पड़ता है मुझे
कभी कोई भी बात मुझपर असर नहीं करती
कभी कभी धूप से जल उठता हूँ मैं
कभी आग भी असर नहीं करती।
मेरा मिजाज़, मेरा रंग अपना है
मुझपे दुनिया की रंगत असर नहीं करती
दिल में कुछ रखकर जुबां से कुछ कहते है
और लोग कहते है उनकी बातें मुझपे असर नहीं करती।
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कचरा वर्तमान समय की बहुत बड़ी समस्या है। कचरा इतना बढ़ गया है कि वह मिट्टी, पानी, हवा, यहाँ तक कि इंसानो के दिमाग में भी, हर जगह फैल गया है । हमारे पुरखे कह गए है कि 'जैसा खाओगे अन्न वैसा होगा मन' ,आजकल हम खाने में कचरा(फ़ास्ट फ़ूड, पैक्ड फ़ूड) खा रहे है, कचरा(कोल्ड ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक्स) पी रहे है और सांस में हवा भी कचरे वाली ही ले रहे है(यहाँ में सिगरेट पीने वालों को टारगेट नही कर रहा हूँ..😄..प्रदूषित हवा की बात कर रहा हूँ।), प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि कचरा ही देख रहे है(फेक न्यूज़, फाल्स प्रोपेगैंडा) और कचरा ही सुन रहे है तो जब इतना कचरा कोई अपने अंदर लेगा तो जाहिर सी बात है खुद भी कचरा हो ही जायेगा। तो जब आपको कोई कचरा उगलता दिखे (ऊल जलूल, भड़काऊ बातें करता दिखे।) तो ऐसे प्रदूषण से दूर रहे और उसके कचरे को अपने अंदर न ले।
स्वच्छ रहे...स्वस्थ रहे
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घर-घर आंगन दीप जले है
द्वार सजे है स्वागत मे
जगमग-जगमग करती
दीप कतारे
लगते सारे प्यारे-प्यारे
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं-
हो राम-लखन सा भातृत्व प्रेम
राम-सिया सी प्रीत हो
हो सुग्रीव सा मित्र
हनुमान सा अनुचर हो
तो कितने ही रावण आ जाए
राम हमेशा जीतेंगे
भस्म होगी हर बुराई
अच्छाई की जीत होगी
खुशियों का सैलाब होगा
हर दिलो में प्रीत होगी।-
तेरा उदास होना लाज़िमी है
तू इंसान है
तुझे अपनों की बेरुखी से फर्क पड़ता है।-
दिल में जज़्बात ऐसे दबा रखे है
जैसे प्लेटो के नीचे लावा दबा होता है
जब निकलेंगे जज्बात दिल से तो
निकलेंगे ऐसे
जैसे ज्वालामुखी से लावा निकलता है।
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