मोहब्बत की आलम शायद दूर जा चुका था
कटी पतंग के जैसे बिखरने लगा था
मोहलत भी ना मिली मौसम-ए-दुरुस्त को
बेरहम ज़िंदगी हमसे ए फ़ितूर कर गया था ।
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कलमने कहा हम है हुजूर💜
कौन है फासलों का मुक्कदर 👑
यादोँकि सिकंदर ... read more
काश, की ए ज़िंदगी, एक तलाश में गुज़र गयी
कभी सही मौक़े के तलाश में, तो कभी सही वक्त के
कभी टंडी बारिश की, तो कभी बहती फ़िज़ा की
कभी पाक-ए-मोहब्बत की, तो कभी सही शक्स की
दिन बीतते गए और, ज़िंदगी गुज़रता गया,
फिर भी ना हुआ नसीब, काश, वो आलम की ।
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Good old days rejuvenates
It puts together all small things
That I ever lived
Memorizes that I ever loved,
Its takes me into the shadows
Where I had sparkles of care
And the roof underneath
Where I learned to share,
I feel the softness of those hands
Fondling my head with love and care
Yes, I wanna rest in those arms again
Such a great adoration, I never get nowhere.-
ಅಗಲಿಕೆಯ ನೋವ ನೀನೇನು ಬಲ್ಲೆ
ಮಳೆ ಹನಿಯು ಕಂಡಿತೇ ಮೋಡದ ನೋವ
ಮುಡಿಗೇರಿದ ಗುಲಾಬಿಗೆ ತಿಳಿದೀತೆ ಮುಳ್ಳಿನ ಮನಸ್ಸಿನ ಭಾವ
ದಡ ಮುಟ್ಟಿ ಓಡುವ ಅಲೆ ಹೇಗೆ ನೋಡೀತು,
ಮರಳಿನ ಕಣಗಳ ಆ ಮಧುರ ಸ್ವಭಾವ
ಬಾಡಿ ನೆಲಕ್ಕುರುಳುವ ಹೂವಿಗೂ ತಾಕಿಹುದು
ತರುಲತೆಯನು ಅಗಲುತಿರುವ ನೋವು
ಎನಿತು ಬಣ್ಣಿಸಲಿ ಈ ಪ್ರೇಮಾಕ್ರಂದನವ
ಅಂತರಂಗದೊಳ ಹೊಕ್ಕು ನೋಡಲಾದೀತೆ
ಹೃದಯಕ್ಕೊಂದು ಮಾಪನವಿಟ್ಟು ಅಳೆಯಲಾದೀತೆ
ಪ್ರೀತಿಯಲಿ ತಡವರಿಸುತಿಹುದು ನೊಂದ ಜೀವ
ಸಹಿಸುತಲಿ ಅಗಲಿಕೆಯ ಭಾವ.-
Every step of life is the result of failure and the lessons learned by them.
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मुसाफ़िरों की नगरी है साहब
यहाँ पर वक्त भी सक्त है
हर रास्ता मशहूर है
और हर गली में शोर
मज़बूत इमारतों का क़हर है
और तालीमदार अवाम की बसर
फिर भी कमी है समझदारों की
आगे बढ़ानेवाले लोगों की
हाथ पकड़कर चलना तो सिखा रहे है यहाँ
मगर साथ में धोख़े का महफ़िल भी सजा रहे है
अपना मुस्तकबिल तो खुदी को सजाना है जनाब
तो फिर क्यू किसी और पर मुनहसिर होना है ।-
ना रास्ता है ना मोड़ है
फिर भी ज़िंदगी की दौड़ है
फ़रिश्ते भी चौंक गए
घने बादलों की छाँव में
सफ़र-ए-हयात की ये कौनसा चाल है ।-
ಪದಗಳ ಪೋಣಿಸಿ ಮಾಡಲೇ ಶೃಂಗಾರ,
ಅಧರದ ಅಂಚಿಗೆ ತೊಡಿಸಲೇ ಪ್ರೀತಿಯ ಹಾರ,
ಕೈಗಳ ಸೆಳೆದು, ಮೈ, ಮನ, ಕಂಗಳ ನಾಚಿಸಿ,
ಕರೆದೊಯ್ಯಲೇ ನಾ ನಿನ್ನ,
ಪ್ರಣಯರಾಗದ ಮಂಚಕೆ,
ನಮ್ಮಿಬ್ಬರ ಅನುರಾಗ ದೇಗುಲಕೆ.
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