Pradeep D' Cunha   (The Moody Mind)
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Joined 1 April 2017


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22 JAN AT 11:59

एक भुलावा
मज़बके आड़ में हम दुनियाँ के बंजारे
अपनी मंज़िल की तरफ़ कदम बड़ा रहे है,
लेखर अनजानो के इशारे
बुन्याद तो सबका एक है
मगर फिर भी, हम है अलग मिज़ाजवाले
हवा, आब, दिन और शबने ना किया है कोई फ़र्क़
फिर क्यू है मज़ब-ए-मंज़िल में ए फ़र्क़
मिलाते हुए सारे रंग और तोड़कर सारे ज़ंग
चलो बनाए हम एक रंगीन जहान
और सिर्फ़ बसाये इंसानियत वहाँ ।

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14 JAN AT 22:04

कभी बाथ होती है, तो कभी पल बर की साथ
मोहब्बत कि दुनियाँ में रहेगा, तो सिर्फ़ हम दोनों कि जज़्बात ।

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14 JAN AT 11:53

आप साथ ना माँगो इन आँखोकि
इनमे कायनात बसाया जाता है
ख़ूबसूरती को सँवारा जाता है,
और दर्द को छुपाया भी जाता है
फिर भी गर्क़ होना चाहते हो, तो मुवाफ़िक़ कीजिए,
इन अबसार की दुनियाँ में,
अशको की लहरो में और पलकों की फ़िज़ावों में
आप की इरादोंको हम बहा देंगे ।

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14 JAN AT 11:06

सपने तो अच्छा दिखाया करो, साहब
हक़ीक़त तो दूर है
वैसे हम बना लेते है सब कुछ
फिर भी एक हयात की तमन्ना, तो भरपूर है

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10 JAN AT 17:18

जिस सफ़र का कोई नाम नहीं
तो क्या ज़िक्र करे उस सफ़र का
वहीं पुराने राहें, यादें और नए हमराही
इतना ही बयान कर सकते है इस सफ़रनामे का ।

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11 DEC 2023 AT 17:48

नसीबोंकि आहट हम क्या जाने जनाब
हम खुद कोटे नसीब वाले है
चमक और शानदार ज़िंदगी की इंतेज़ार में
इनायत बरी सुकून-ए-हयात को कोये है ।

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12 NOV 2023 AT 8:37

ए कैसा प्यार था ?
एक खूबसूरत सा लगाव था
जिसका हमें हमेशा से इंतेज़ार था
प्यार का नाम दिए थे उस मीठेसे लम्हे को
अब वही लम्हा, हमारा जीनेका सहारा था ॥

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11 NOV 2023 AT 22:54

ನಾನೇನು ಅರಸ ಹೊರಟಿಹೆನಿಂದು
ಮರಳಿನ ಕಣಗಳಲಿ
ಪವಡಿಸುತಿಹ ಕಂಗಳಲಿ
ನೊಂದು ಮೌನಾಲಂಕರಿಸಿಹ ಪದಗಳಲಿ
ಏನೆಂದು ಹುಡುಕಲಿ ನಾನಿಂದು
ಈ ನಿನ್ನ ಮುದರಹಿತ ಚಂದಿರನಲಿ.
ಬಾಡಿ ಹೋಯಿತೇ ನಸುಗೆಂಪು ಅಧರದ ಕಂಪು
ಮರೀಚಿಕೆಯಾಯಿತೇ ಹೃದಯದೊಡಲ ಇಂಪು
ಭಾವನೆಗಳ ಬೆನ್ನ ಹತ್ತಿ,
ಮನದೊಳಗಿನ ದುಗುಡವ ಬದಿಗೆ ಒತ್ತಿ
ಹುಡುಕಾಡಿದೆ ನಾನಿಂದು
ಮನದೊಳಗೆ ನಿನ್ನ ಕಂಪಿನ ಹನಿ
ಸ್ವಚ್ಚಂದ ತಂಗಾಳಿಯ ಪಿಸುಮಾತಿನಂತೆ
ಹುಡುಕಾಡುತಿಹೆ ಈ ಪಯಣದಿ, ನಿನ್ನ ಪ್ರತಿಧ್ವನಿ.

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14 OCT 2023 AT 7:29

आप तो सिर्फ़ एक हवा का जोंका हो
जिसमें आपकी उन्स की याद समाया है
भूलने की कोशिश तो हमेशा से है साहब
मगर वो फ़िज़ा फिरसे अपनी आँगनसे होके बहने लगता है
कदम बड़ाने की कशिश है अपनी मंज़िल की ओर
मगर ए कमबख़्त यादें हमें अपनी औक़ात फिरसे याद दिलाता है ।

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7 OCT 2023 AT 20:50

हर मुस्कान में मेरी फ़िक्र तेरा
ज़िंदगी की हर ख़्वाहिशों में रहेगा ज़िक्र तेरा ।

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