Praddhumn Kulshrestha   (Praddhumn 'piyush')
138 Followers · 46 Following

read more
Joined 28 March 2017


read more
Joined 28 March 2017
3 JUL 2022 AT 19:47

कुछ दिन बाद सब भूल जाते हैं
वो जो करते है,पीछे छोड़ जाते हैं
कोई फर्क पड़ता भी होगा उन्हें,
जो दिल दूसरों का दुखाकर,
खुशी से आगे बढ़ जाते हैं।

आगोश में होते हैं वो उस पल,
और उसे (जख्म) बना देते हैं
वो(जख्म) हरा होने की फिराक में
बस सूखता चला जाता है।

हरा होकर पेड़ की तरह दरियादिल नहीं
उससे बना हथियार बन जाता है,
चुभता है वो उस पल हमें
जिस पल को, हमें रोकना होता है।

-


27 JAN 2022 AT 11:40

प्रेम भाव सुंदर संदेश

प्रेषित करना जरूरी है।

(Read in Caption)— % &

-


26 JAN 2022 AT 1:36

अजर-अमर है मेरा देश
गणतंत्रता का सरताज़ है,
लिखित संविधान है इसका
जिसकी ताकत से खड़ा ये राष्ट्र है।

-


25 JAN 2022 AT 14:37

चुप होकर बोलती है तस्वीरें,
पुरानी यादें ताज़ा करती हैं तस्वीरें
जो भूल जाते हैं अपनों को
उनके अंधेरों में
रोशनी करती हैं तस्वीरें।

पलटकर खुद को, इतिहास बताती हैं,
चलाकर खुद को वो,पूरी दुनिया दिखाती हैं।

आंसुओं के साथ मुस्कान भी लाती हैं,
तस्वीरें आज भी स्वर्णिम समय बताती हैं,
भूलने नहीं देती ये इंसान को कल,
और 'आज' को ये कैद कर लेती हैं।

-


22 JAN 2022 AT 19:51

सारे तरु काटे
जा रहे थे।
और वो बेवस,
रोये जा रहे थे।





(Read in caption)

-


16 JAN 2022 AT 21:39

सर्द हवाओं के बीच खुशियाँ लेने जाते हैं पापा,

उनसे ज्यादा कुर्बानी देने वाला कोई और नहीं।

-


14 JAN 2022 AT 11:59

गजक का स्वाद,
गुड़ की मिठास

पतंगों की ऊंचाई,
ख़ुशियों का वार,

आपको शुभ हो
मकर संक्रांति का त्योहार।

-


13 JAN 2022 AT 12:57

Fun and frolic



Do hard work for the future.

-


11 JAN 2022 AT 18:20

आमना-सामना इत्तेफ़ाक़ नहीं है,

क्यों घबराते हो मुलाकात से,

आंखें मिलना गुनाह तो नहीं है।

-


5 JAN 2022 AT 19:19

थी एक जगह भारी भीड़,
मन विचलित हो गया,
हम भी देंखे क्या हुआ
किस पर पहाड़ टूट गया।

सब ख़ुसूर-पुसुर कर रहे,
जैसे हुआ भारी नुकसान,
मोची भैया जूते पॉलिश कर रहे
यही देखने खड़े हुए थे
सारे के सारे श्रीमान।

-


Fetching Praddhumn Kulshrestha Quotes