Prachi Thapan   (अंदाज ए अदा 🖊)
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Joined 29 January 2018


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Joined 29 January 2018
26 APR AT 8:42

इंसान बहुत आसान समझते है,
खुला आसमान और बेपरवाह उड़ान को वो उनकी आजादी मानते है,
क्या उनके संघर्षों से दो चार हुआ है, कभी कोई,
यही इंसान अपने स्वार्थ के लिए उनके पंख काट देते है,
उन्हे मरते दम तक एक पिंजरे में डाल देते है,
हम इंसान भले ही उड़ नही सकते, लेकिन अपने साथ हुए अत्याचार को बोल तो सकते है,
परिंदों की तरह रहना है अगर तो, अपनी जुबान को सीना होगा तुम्हे,
फिर किसी शिकारी इंसान का शिकार बनने के लिए, तैयार रहना होगा तुम्हे,
मौसम की मार को झेलते हुए अपने आपको बचाना होगा तुम्हे,
हमे बहुत आसान लगती है दूसरों की जिंदगी, हमेशा ही,
लेकिन......
हर किसी की कहानी का सार अलग ही हो होता है।

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25 APR AT 13:53

लेकिन इसकी कीमत, शायद एक वोटर नही जानता,
तभी वो बजाय अपने मसलों के, बस राजनेताओं के दिखाए सपनों को ही है मानता,
तुम्हारा मुद्दा क्या है? तुम्हे चाहिए क्या है ? कौन तुम्हे हकीकत देगा?
बस.....
इन्हीं मापदंडों पर जो खरा उतरे, बस उसी की लिखी जाएगी दास्तां,
क्योंकि......
एक वोट करे भारी चोट।

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25 APR AT 13:44

फिर चाहे डगर ही क्यों ना डोल जाए तुम्हारी,
इक यकीन ही तो था, जिसके भरोसे राम जी भी सीता को खोजने अकेले ही चल पड़े थे।

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25 APR AT 13:38

में मेरे भाव सही थे, लेकिन मेरे अल्फाज़ कही थे,
उस समय भावों का भी सैलाब मानो, जैसे उफान मार रहा था, मुझमें कही,
कई दफा लिखती और ना जाने कितनी दफा, उसे मिटाती रही,
लेकिन....
ना जाने कब, कैसे, कहां, इक जुनून सा सवार हो गया था, मुझ पर कही,
बस....
तब से लिखते लिखते बहुत अच्छे तो नही, लेकिन अब अल्फाजों को अपने भावों के साथ जोड़ना सिख लिया है मैने।

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22 APR AT 17:24

Maa एक ऐसा सुकून है, जिसे आप किसी भी दुकान से या बाजार से खरीद नही सकते।

एक ऐसा चैन है, जो हजारों की भीड़ में भी खो जाने के बाद उसकी एक झलक दिखते ही, खुद के खो जाने के डर को भी खो देता है कही....

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20 APR AT 14:25

लगे हुए है, बेवजह ही हम, रूठे हुए को मनाने में लगे हुए है।
वजह हम भी नही जानते की क्यों खफ़ा हो गए है हम से,
लेकिन....
इतना जरूर है, ये सिलसिला ज्यादा दिनों तक यूं चल नही पाएगा,
क्योंकि....
एक बार जो अगर मैं रूठा, तो फिर शिकायत का मौका भी नहीं मिल पाएगा।

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18 APR AT 14:13

जब तेरा खुद का विश्वास साथ होगा,
तेरे पास चाहे भले ही दुनिया भर की दौलत ना हो,
लेकिन.....
जो अगर तेरा खुद में विश्वास साथ है, तो दुनिया भी तेरे पीछे पीछे आयेगी।

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17 APR AT 12:57

अगर हमराही हमे कोई ऐसा मिल जाए
जो मुझे क्या चाहिए इस बात से ज्यादा, हमें क्या चाहिए इस बात पर गौर फरमाए।

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16 APR AT 15:46

कौन अपना है और कौन पराया ये तो पता चल ही जाता है,
क्योंकि.....
जो लोग मेरे सुख में हमेशा, हम साथ है तेरे, यह कहकर खड़े दिखते थे कभी,
आज वही लोग, दुखी हूं मैं, इतना कह देने भर से ही फोन रख देते है ये कहकर busy हूं मैं अभी।

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16 APR AT 15:39

जब तूने सोच ही लिया है उस आसमान को छूने का,
क्योंकि....
जब परिंदा भी आसमान को छूने निकलता है, तो वो भी गिरने के डर से रुकता नही कभी।

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