एक बेवजह सी वजह है तुझे चाहते रहने मैं
वरना अगर हिसाब करने बैठूँ
तो नुक़सान ही मेरे हाथ आएगा-
ज़िन्दगी की परेशानियां रोज उलझा रही हैं।
चाय के साथ रोज सुलझा रहे हैं।-
मेरी जिंदगी में तुम अदृश्य की तरफ मौजूद हो
-- दूरी में बहुत दूर जैसे
-- जिंदगी में 'न' कि बिंदी जैसे
-- इश्क़ का आधा 'श' जैसे
-- इंतज़ार में 'आ' की आधी मात्रा के जैसे
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साहिब
एक शायर की अधूरी मोहब्बत हूँ मैं।
मयखनो में नहीं उसके शब्दों में हूँ मैं।।
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में जिंदगी में लड़ना चाहती हूँ, लड़ती रहूंगी
लड़ते वक़्त गिरना भी जानती हूँ
लेकिन गिरके हारना नहीं जानती
मैं फिर खड़ा होउंगी ये जानती हूं
में फिर लड़ूंगी ये भी जानती हूँ
एक दिन जीत जाऊँगी
ये तो जानती ही जानती हूँ
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हर समय चहकने वाले इंसान का मौन हो जाना
बेइंतहा दर्द की पराकाष्ठा है-
लोगो ने कुछ दिया, तो सुनाया भी बहुत कुछ,
ऐ खुदा एक तेरा ही दर है, जहा कभी ताना नहीं मिला..-
खो गयी हूँ..इन रास्तो में कही,
जहाँ से वापसी भी मुमकिन नही,
ना कोई चेहरा अपना सा लगता है,
ना कोई रास्ता पहचाना सा..!!-
जिसे ज़िंदा लाश बनाना हो।
उसे जहर नहीं बस इश्क़ की मीठी गोली खिला दो।-
वो भी मुझे बहुत चाहता है... खैर छोड़ो,
पाकिस्तान भी कश्मीर को चाहता है... मिला क्या।।
🥀💥-